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सखलेचा के सवाल पर समंदर ने उखाड़े गड़े मूर्दे बोले-पूरा भारत मेरी मातृभूमि, दी पिता के इतिहास में झांकने की नसीहत

सिंगोली:- भाजपा के स्थानीय नेताओं द्वारा पूछे गए सवालों को कांगे्रस प्रत्याशी समंदर पटेल ने कांग्रेस के प्रति बढ़ते जनसमर्थन की बौखलाहट करार देते हुए विधायक ओमप्रकाश सखलेचा पर पलटवार किया है। अपने जनसम्पर्क के दौरान मीडियाकर्मियों के सवाल पर पटेल ने कहा कि भाजपा अभी से खिसियाई बिल्ली खंभा नोचने की स्थिति में पहुंच गई जबकि मतदान तो १७ नवम्बर को होना है। सखलेचा ने अपने स्थानीय नेताओं के माध्यम से पार्टी के प्रति मेरी निष्ठा और मातृभूमि को लेकर सवाल उठाए है, इससे एक बात तय हो गई कि भाजपा कांग्रेस के प्रति बढऩे जनसमर्थन को देखकर सदमे में है और अपनी मान चुकी है, इस बार इतिहास बदलने जा रहा है। पिछले २० साल से सखलेचा हमारी फूट के दम पर जीत रहे थे लेकिन इस बार उन्हें सेंधमारी का मौका नहीं मिल पाया। उल्टा भाजपा के ही बागी ने उनका दम फूला रखा है, उसके बाद से सखलेचा के साथ उनके समर्थक टेंशन में है। जहां तक मातृभूमि की बात है,  मैं पूरे भारत को अपना मातृभूमि मानता हूं। मुझे लगता है इसके जरिए वे शायद अपने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी निशाना साध रहे है जो पिछले दो लोकसभा चुनाव गुजरात को छोड़कर उत्तरप्रदेश से लड़ रहे है जबकि मैं तो अपने प्रदेश में ही जनसेवा का प्रयास कर रहा हूं।  न केवल जावद में मेरा निजी आवास है बल्कि मेरी जमीन भी है। ऐसे में यह सवाल ही हास्यास्पद है। पिछले १५ साल से क्षेत्र में सक्रिय हूं।  पार्टी के प्रति वफादारी के सवाल पर उन्होंने सखलेचा को नसीहत दी कि वे अपने पिता वीरेन्द्रकुमार सखलेचा के इतिहास को टटोलकर देख ले जो अपनी पार्टी से बगावत कर १९८५ और १९९८ में निर्दलीय चुनाव लड़े क्योंकि पार्टी ने रामलाल पाटीदार को मैदान में उतारा था लेकिन जावद क्षेत्र से कोई ओबीसी नेता उनके सामने तैयार हो, उन्हें गवारा नहीं था। इसी कारण अपनी ही पार्टी के खिलाफ मैदान में उतरकर किसान परिवार के बेटे को हरवाने से भी नहीं चूके। ओमप्रकाश सखलेखा खुद अपने पिता के इन्हीं पदचिन्हों पर चल रहे है। पिछले बीस साल से उन्होंने अपनी पार्टी में किसी दूसरे नेता को आगे नहीं बढऩे दिया।   

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