थाना प्रभारियों को थाने को समझने में महीने लग जाते हैं लेकिन सिंघम की कुछ बात ही निराली ऐसा लगता है कि इन्हें थाने को समझने में नहीं थाना इन्हें समझने में महीने लगा देगा आते ही कर दिखाया कमाल तभी तो कहते हैं सिंघम दलोदा में संजीव सिंह परिहार की पहला दिन पहली कार्रवाई 2016 से फरार वारंटी 5000 का इनामी बदमाश को पकड़ कर भेजा जेल की सलाखों के पीछे। जरा धीरज तो रखिए अभी बहुत बड़े बड़े अपराधी भी जेल के सलाखों के पीछे होंगे जिले में सिंघम नाम से मशहूर संजीव सिंह परिहार ने आते ही अपराधियों पर नकेल कसना शुरू कर दिया कई सालों से फरार वारंटी 5000 का इनाम घोषित था इतने सालों में कोई नहीं पकड़ पाया सिंघम ने आते ही धर दबोचा इससे आप अंदाजा लगा सकते हो कि अपराधियों के खिलाफ इनका रुक कैसा होगा एसपी सिद्धार्थ चौधरी के नक्शे कदम पर चलने वाले सिंघम ने थाने की कमान अपने हाथों में लेते ही अपराधियों को अपने शिकंजे में फसाना शुरू कर दिया है लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि कई थाना प्रभारियों को थाने को समझने में महीने लग जाते हैं लेकिन इनके लिए हर थाना ऐसा लगता है कि कई सालों से थाने को परखते हैं व समझते हैं तभी तो कहते हैं सिंघम
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