मल्हारगढ से वरिष्ठ विधायक प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश जी देवड़ा ने मल्हारगढ विधानसभा के विकास में कोई कसर बाकी नही रखी । मल्हारगढ में कॉलेज, आईटीआई, सीएम राइज स्कूल सहित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए करोड़ो रुपयों की सौगात दी है । लेकिन क्षेत्र में मुख्यालय पर बैठे शिक्षक इन योजनाओं को पानी फेरने में कोई कसर बाकी नही रख रहे । सरकारी विद्यालयों का मतलब मुफ़्त शिक्षा लेकिन यहाँ शिक्षा व्यवसायिक हो गई है । जानकारी के मुताबिक शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय वरिष्ठ शिक्षक के एल राठौर ओर जी एल अहिरवार ने सालाना पैकेज पर बच्चों को विषय पढ़ाने के ठेके ले लिये है । बच्चों को पैकेज पर पढ़ाने के साथ प्रेक्टिकल में अच्छे नंबर देने का वादा भी किया जाता है । जो गरीब बच्चे ट्यूशन पर नही आ सकते उन पर प्रेक्टिकल में कम नंबर देने का दबाव बनाया जा रहा है । विद्यालय में अच्छी शिक्षा न देकर ट्यूशन पर अच्छा पढ़ाया जा रहा जहाँ बच्चों को मजबूरीवश 12 से 15 हजार की सालाना पैकेज पर ट्यूशन जाना पड़ रहा है । यहाँ बच्चे भी कह रहे है ऐसे पैकेज से तो हम प्राइवेट विद्यालय में ही पढ़ लेते । एक गरीब बच्चे के लिए सालाना पैकेज देना बहुत बड़ा होता है । शायद इसलिये ही कई बच्चे मुफ़्त शिक्षा के अभाव में पढ़ाई छोड़ देते है । मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि बिना शिकायत हम कार्यवाही कैसे करें । हमें शिकायत प्राप्त होगी तो कार्यवाही करेंगे । क्या जिला शिक्षा अधिकारी बिना शिकायत के कार्यवाही नही करते है । क्या उनकी ऐसे शिक्षा को व्यावसायिक करने वालो पर कार्यवाही करने की जिम्मेदारी नही बनती है ? ऐसा लगता है जिला शिक्षा अधिकारी ने इन्हें खुले रूप से ट्यूशन चलाने का लायसेंस दे रखा हो ? क्षेत्र में इस तरीके से चल रहे शिक्षा के गोरखधंधे पर लगाम लगाना बहुत आवश्यक है । प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश जी देवड़ा शिक्षा माफियाओ पर कार्यवाही करवाने के लिए उच्च अधिकारियों को कहे तो शायद उनके क्षेत्र में शिक्षा का स्तर में सुधार आ सकता है क्या कहते है सम्बंधित अधिकारी हमे इसकी जानकारी नही है शिकायत प्राप्त होगी तो कार्यवाही करेंगे । हमारे पास कोई निगरानी समिति नही है जो ट्यूशन करने वाले शिक्षकों पर कार्यवाही करें न ही ऐसे कोई आदेश प्राप्त हुए है- *लोकेंद्र डाबी, जिला शिक्षा अधिकारी मंदसौर सूचना प्राप्त हुई थी कि शासकीय शिक्षकों द्वारा ट्यूशन की जा रही है जो गलत है जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा एक निगरानी समिति होती है जो इस तरह के मामले पर अंकुश लगाती है । नियमानुसार शासकीय शिक्षक सरकारी स्कूल के बच्चे को पढ़ाने के नाम से पैसा नही ले सकता अगर वो ले रहा है तो गलत है- बद्रीलाल चौहान, ब्लाक शिक्षा अधिकारी मल्हारगढ हमारे विद्यालय के शिक्षक के एल राठौर व जी एल अहिरवार द्वारा प्राइवेट कोचिंग की जानकारी आज ही संज्ञान में आई है कोई भी शासकीय शिक्षक प्राइवेट कोचिंग नही कर सकता मेरे द्वारा शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस दिया जावेगा- सदाशिव पंड्या,प्राचार्य शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय मल्हारगढ
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