चित्तौड़गढ़ में संगम महादेव मंदिर के समीप बने हुए घाट पर एक युवक और नाबालिग लड़की की लाश तैरती हुई मिली। दोनों की लाश उल्टी पड़ी हुई थी और दोनों के ही एक-एक हाथ एक दूसरे के साथ बंधे हुए थे। मामला प्रेम प्रसंग का बताया जा रहा है। सूचना मिलने के बाद सिविल डिफेंस की टीम भी मौके पर पहुंचे और दोनों के शव को बाहर निकाला। मौके पर एडिशनल एसपी (शहर डिप्टी), कोतवाली सीआई सहित पुलिस जाब्ता पहुंचा। दोनों के शव को जिला हॉस्पिटल पहुंचाया गया। मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है बाइक खड़ी देख हुआ शक, घाट पर मिली 2 लाश भोईखेड़ा स्थित गंभीरी और बेड़च नदी के संगम स्थली पर एक युवक और नाबालिग लड़की की लाश उल्टी तैरती हुई मिली। बुधवार को सुबह शहर क्षेत्र में रहने वाले रतनलाल प्रजापत अपने किसी रिश्तेदार के अस्थियां विसर्जन के लिए आए थे। वहां उन्होंने बाइक खड़ी हुई देखी, लेकिन आसपास कोई भी नहीं दिखा। इस पर उन्होंने घाट पर जाकर देखा तो 2 लाशें दिखाई दी। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना दूसरे घाट पर नहा रहे लोगों को दी सिविल डिफेंस की मदद से शवों को बाहर निकाला
लोगों ने इसकी सूचना भोईखेड़ा पार्षद बालकिशन भोई को दी। मौके पर पार्षद पहुंचे। पार्षद बालकिशन भोई ने सिविल डिफेंस की टीम को बुलाया और कोतवाली पुलिस को सूचना दी। सिविल डिफेंस की टीम से राजकुमार, हेमंत भोई और कालूराम भोई मौके पर पहुंचे। सिविल डिफेंस की मदद से दोनों शवों को बाहर निकाला गया। युवक और नाबालिग लड़की का एक-एक हाथ एक दूसरे के साथ बंधा हुआ था 2 दिन से गायब थे दोनों शवों को निकालने के बाद उनकी पहचान चित्तौड़गढ़ के मीठाराम जी खेड़ा निवासी उदित (19) पुत्र कमलेश मेहता और चित्तौड़गढ़ के ही बड़ीसादड़ी मूल निवासी नाबालिग लड़की के रूप में हुई। दोनों का प्रेम प्रसंग से मामला जोड़कर देखा जा रहा है। दोनों की पहचान उदित के चाचा महेश मेहता ने की। उन्होंने बताया कि दोनों ही मंगलवार सुबह 5 बजे से लापता थे दोनों के माता-पिता कर रहे थे तलाश
नाबालिग लड़की की माता ने सदर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दी थी। वहीं, उदित के माता-पिता आसपास रिश्तेदारों में उसकी तलाश कर रहे थे। महेश मेहता के अनुसार लड़की की मां मंगलवार को उदित के घर भी गई थी। शव भी लगभग 24 घंटा पुराना बताया जा रहा है। मौके पर एएसपी (शहर डिप्टी) तेज कुमार पाठक, कोतवाली सीआई संजीव स्वामी सहित कोतवाली जाप्ता मौके पर पहुंचा। दोनों के शवों को नगर परिषद के शव वाहन के जरिए जिला हॉस्पिटल की मोर्चरी में पहुंचाया गया नस काटने की भी की थी कोशिश दोनों के हाथों पर गहरा घाव भी है। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि दोनों ने पहले अपनी नस काटने की कोशिश की होगी। कटे हुए जगह से ब्लीडिंग भी हुई है। उसके बाद दोनों नदी में कूद गए। डिप्टी तेजकुमार पाठक ने बताया कि हर चीज को देखने के बाद प्रारंभिक तौर पर यह पूरी तरह से सुसाइड केस है। दोनों ने सुसाइड क्यों किया, इसकी जानकारी अभी नहीं है। इसके बारे में और हर एंगल से जांच की जाएगी। दोनों शवों का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया है बता दे कि उदित अपने माता पिता के इकलौता बेटा था। वो 12वीं क्लास में पढ़ता था। वहीं, नाबालिग बालिका तीन साल से यहां चित्तौड़ अपने भाई और मां के साथ रहती थी।
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