नीमच। अंचल में औसत से भी कम वर्षा होने के कारण सोयाबीन सहित खरीफ़ की अधिकांश फसलें बर्बाद हो गई हैं। एक तरफ बारिश की बेरुखी और दूसरी तरफ बिजली की आंखमिचौली ने किसानों को खून के आंसू रोने को मजबूर कर दिया है। खराब फसलों का जायजा लेने रविवार किसान नेता एवं कांग्रेस के अखिल भारतीय कांग्रेस कामेटी सदस्य उमरावसिंह गुर्जर खेतों पर पहुंचे गुर्जर ने विभिन्न गांवों में खेतों में खड़ी फसलों और हालात का जायजा लेने के साथ ही किसानों की पीड़ा भी सुनी। ज्यादातर सोयाबीन की फसल खराब हो चुकी है। इसके अलावा मक्का, उड़द, मूंगफली सहित अन्य खरीफ फसलें भी अवर्षा के कारण पनप नहीं पा रही है। किसानों का कहना है कि इस बार तो सोयाबीन सहित अन्य फसलों की लागत भी मिलना मुश्किल है, जबकि कुओं में पर्याप्त पानी के अभाव में अगली फसल पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं इस संबंध में किसान नेता उमरावसिंह गुर्जर ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान विकास यात्राएं और जनआशीर्वाद यात्राओं के नाम पर जितनी राशि खर्च कर रहे हैं उससे बेहतर होगा कि संकट की घड़ी में वे किसानों की सुध लें और बिना सर्वे करवाए तत्काल किसानों को मुआवजा या राहत दे। यदि जल्द इस बारे में प्रदेश की सरकार किसान हित में निर्णय नहीं लेती है तो किसानों के हक में व्यापक आंदोलन किया जाएगा।
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