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शिव के होते हुए महाकाल भक्तों के साथ मारपीट सावन की तीसरी सवारी में महाकाल भक्तों के साथ मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल

उज्जैन बाबा महाकाल की पालकी को स्पर्श करने का प्रयास कर रहे भक्तों पर कहीं पुजारी प्रतिनिधि मुक्का बरसा रहे हैं,,तो कहीं पर पुलिस वाला चांटे मार रहे हैं,तो कहीं पर वॉलिंटियर बुज़ुर्ग को धक्का मारकर बाहर फेंक रहे हैं,,यह सब तब हुआ जब प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान खुद सवारी में शामिल थे,,शिवराज पालकी के आगे आगे चल रहे थे और उनके पीठपीछे पालकी जो रस्से के घेरे में रहती है उसमें उक्त घटनाएं घटित हुईआखिरकार इन लोगों को महाकाल भक्तों के साथ इस प्रकार के दुष्कृत्य करने की इजाजत किसने दी,,बड़ी बात तो यह है कि इन तमाम मारपीट करने वालों के हौसले इतने बुलंद है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महाकाल की सवारी का लाइव टेलीकास्ट चलता है बावजूद यह कृत्य हुए इस बार सावन की पहली सवारी से कुछ ना कुछ घटित हो रहा है, पहली सवारी में पत्थर बरसाने के वीडियो सामने आए,,तो दूसरीसवारी में थू- था कि घटना और अब तीसरी सवारी में तो अपने ही भक्तों पर मुक्के,,चांटे बरसा रहे है,उक्त कृत्य सवारी में अलग-अलग जगह घटित हुए जिसकी लाखों की संख्या मेंखड़ी भीड़ में से किसी ने वीडियो बनाएं और सोशल मीडिया पर अपलोड किए,जिसके बाद से इस प्रकार की व्यवस्था की जमकर किरकिरी हो रही है पहले ही ऊंचे बैरिकेट्स भक्त और भगवान के बीच बड़ी बाधा बनकर खड़े रहते हैं वही पालकी की ऊंचाई बढ़ाने की जो पुरजोर मांग चल रही है वह यथावत बनी हुई है आधा पोन फिट बढ़ाने की जो बात सामने आ रही है वह किसने देखा और अगर बढ़ाई भी है तो हमने खुद बेरी गेट के बाहर जाकर हजारों की भीड़ के बीच में प्रत्यक्ष देखा और लोगों से पूछा सवारी आई और निकल गई 03 घंटों से खड़े लोग जी भरकर निहार भी नहीं पाए,,क्योंकि चौराहों-चौराहों पर खासी भीड़ होती है ऐसे में पीछे खड़े लोगों को पालकी के दर्शन सुलभ रुप से नहीं हो पाते क्या शिवराज तुम्हें पता है जहां आगे-आगे आप झांझ मंजीरे बजाकर बाबा की सवारी का आनंद ले रहे थे और भक्तों का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे ठीक पीछेपालकी के नजदीक महाकाल भक्त कुटा रहे थे,,आखिरकर रस्सा पार्टी कर क्या रही थी,जो यह लोग रस्से के अंदर पालकी तक पहुंच गए,अगर यह वह लोग हैं जो पूजा की थाली फूल माला लेकर पालकी पूजन के लिए खड़े थे और पालकी के नजदीक तक पहुंच ही गए थे,,तो आप कौन होते हैं जो उन्हें मुक्के-चाटे मारे,बुजुर्गों को वॉलिंटियर धक्का देकर बाहर फेंके यह कृत्य किसी भी सूरत में अशोभनीय है,,निन्दनीय है,,शर्मसार करने वाला है,,

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