उज्जैन। कार्रवाई से पूर्व उज्जैन पुलिस प्रशासन ने ढोल बजवाकर मुनादी पिटवाई,,डीजे पर देश भक्ति के गाने बजे,,फिर शुरू हुईं कार्रवाई बाबा महाकाल की सवारी के दौरान भजन मंडलियों पर थूकने की हिमाकत करने वालों के अवैधमकान के हिस्सों को आज बुलडोजर चलाकर जमींदोज कर दिया गया, इसी के साथ उज्जैन प्रशासन नेकड़ा संदेश दिया है कि शहर की फिजा को धूमिल करने के प्रयास करने वालों को हरगिज़ बख्शा नहीं जाएगा कार्रवाई उज्जैन एएसपी आकाश भूरिया के नेतृत्व में तीन थाना पुलिस बल की मौजूदगी में उज्जैन नगर निगम के अमले ने की कोर्ट पेशी के बाद अदनान मंसुरी को जेल और दो नाबालिग को बाल संप्रेक्षण गृह भेजा गया इसी कड़ी में आज बुधवार को आरोपी अदनान जिस मकान में रहता था उसे तोड़ा गया,कार्रवाई के दौरान परिजन विलाप करते देखे गए,जिन्हें साथियों ने संभाला,शायद उन आंसुओं में यह छुपा था कि हमारी परवरिश में कहां कमी रह गई जो इस उम्र में ही हमारे बच्चों ने ऐसा कृत्य कर डाला कि सर से पर छत तक ना रही इस घृणित कृत्य पर जब सबसे पहले खुलके हमने लिखा तो मंगलवार सुबह कुछ लोगों के मैसेज आए और पूछा कि क्या आप हिंदूवादी पत्रकार हैं,मोहरम केदौरान भी जुलूस निकलेगा अगर कुछ गलत हुआ तो क्या लिख पाओगे जवाब था,मेरी समझ सेपत्रकार का कोई धर्म नहीं होता,ना वह हिंदू ना,,वह मुसलमान होता है वह सिर्फ और सिर्फ एक पत्रकार होता है,,जो दिखता है और हमारे सोर्सेज से जो हमें पुख्ता जानकारी मिलती है बस वह लिख देते हैं,,इस मुद्दे पर भी मय प्रमाण के हमनेलिखा था,,हां अगर मोहर्रम के जुलूस के दौरान कुछऐसा हुआ जो नहीं होना चाहिए,,तो तब भी हमारी लिखने की शैली वहीरहेगी जो बाबा महाकाल की सवारी में गुस्ताखी करने वालों के खिलाफ रही थी,,खैर ऐसा क्यों सोचते हो कि मोहर्रम में कुछ हो शांतिपूर्ण हमारे त्यौहार मने यह ज्यादा बेहतर होगा काफी समय बाद यह एहसास हुआ कि आखिर पत्रकारों कीलेखनी को लोग सामाजिक दृष्टि से कब से देखने लगे,,तो महसूस हुआ कि खुद को नंबर वन बताने वाले के खबरची ने इस मुद्दे पर जो आलेख लिखा उसे पढ़कर यह साफ हुआ कि बौठे प्रेम में इनकी कलम भी बौठी हो चली है हां को हां और ना को ना लिखने वालों के टोटे पड़े हुए हैं और जो लिख देते हैं उन्हें संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है
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