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जंहा भागवत कथा होती है उस क्षेत्र में स्वयं भगवान का वास होता है ग्राम नवलपुरा में बोली भागवताचार्य पूजा मेनारिया

नीमच जिस स्थान पर श्रीमद भागवत कथा होती है वंहा कभी अकाल नहीं पड़ता है। क्योंकि वंहा स्वयं ईश्वर का वास होने लगता है। इसलिए हर क्षेत्र में भागवत कथा के अधिक आयोजन होने चाहिए। यह बात भागवताचार्य पूजा मेनारिया (जावदा राज.) ने कही। वे ग्राम नवलपुरा में नागदा-मेनारिया परिवार द्वारा आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा के पहले दिन शुक्रवार को बोल रही थी। उन्होंने कहा कि कोई भी घोर पापी भी यदि एक बार भागवत कथा सुन ले तो उसे वर्तमान के साथ कई जन्मों के पापों से भी मुक्ति मिल जाती है। जीवन में ईश्वर की आराधना हमेशा करनी चाहिए। इसे मनुष्य को सदमार्ग पर चलने की राह आसान होती है। भागवताचार्य मेनारिया ने कथा में कई प्रसंगों का संगीतमय माध्यम से धर्मप्रेमी जनता को धार्मिक रसपान करवाया। कथा में उन्होंने ब्राह्मण, गौमाता, कन्या, भक्ति, भागवत व भगवान की महिमा बताई। इस दौरान महिला, युवतियां व पुरुष भक्ति में लीन होकर भजनों की धुन पर नाचते-थिरकते नज़र आए। कथा के पहले दिन शुक्रवार को सर्वप्रथम कलश व पौथी यात्रा गाजे-बाजों के साथ निकाली गई। इसमें सभी बड़ी धूमधाम व उत्साह से शामिल हुए। कथा के अंत में भगवान की आरती कर प्रसाद वितरित की गई। इस भागवत कथा का यूट्यूब चैनल "सत्संग चिंतन" पर लाइव प्रसारण भी किया जा रहा है। इस दौरान आयोजक परिवार के शिवदयाल नागदा, गोपाल नागदा, विजय नागदा, कैलाश नागदा, पंडित घीसालाल नागदा, प्रेम सिंह भारद्वाज, रघुनंदन नागदा, मुरारीलाल नागदा, अभय भारद्वाज, अजय नागदा, दशरथ नागदा, अर्जुन नागदा (पुलिस), राधेश्याम नागदा, पुष्कर नागदा, पंडित अम्बालाल शर्मा, रामू नागदा, भावना भारद्वाज, मोहित लालवानी, राजू नागदा, विशाल नागदा, पंडित हरिओम मेनारिया, सुशील कुमार, पूजा भारद्वाज, आरती मेनारिया, वर्षा नागदा, रचना नागदा, मनीषा नागदा सहित अन्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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