इन दिनों उज्जैन शहर में कालूखेड़ा नाम के चर्चित अनिल जैन कालूखेड़ा के चर्चे उज्जैन उत्तर विधानसभा सीट को लेकर खासा सुर्खियां बटोरे हुए है, बीजेपी के यह कद्दावर नेता खुद को विधायकी का दावेदार मान भी चुके हैं, धन बल की जोर आजमाइश के साथ इनके पोस्टर हर गली चौराहे पर टंगे हुए देखे जा सकते है। इन्हें अब भोपाल वल्लभ भवन जाना हैं, और जनता की सेवा के साथ शहर का विकास पुरुष कहलाना है, लेकिन इस लग्जरी ख्वाब में थोड़ी रुकावट हैं, क्योंकि कस्तूरी बाग ने इन दिनों बड़ी तेजी से “फन” फैला दिया है। जिसकी सुनवाई एसडीएम कल्याणी पांडे कि कोर्ट रूम में जारी है, साथ ही शिकायतकर्ता भी इस मामले को लेकर अडिंग है। जिसके चलते अनिल जैन कालूखेड़ा के विधायकी के सपने कैसे पूरे होंगे..? हाल फिलहाल इस सीट पर बीजेपी के पूर्व मंत्री वर्तमान विधायक पारस जैन दो दशक से काबिज है। और पारस जैन राजनीतिक दंगल की पहलवानी में खासा माहिर खिलाड़ी हैं जो ऐन मौके पर अच्छे-अच्छे को धोबी पछाड़ खिला देते हैं। इस तरह की कशमकश दोनों ही पार्टी कांग्रेसी बीजेपी के नेताओं में हाल-फिलहाल देखी जा सकती है बात करते हैं कस्तूरी बाग क कस्तूरी बाग कॉलोनी को अवैध कॉलोनी बताते हुए शिकायतकर्ता बताते हैं, कि भाजपा जिला अध्यक्ष रहते हुए अनिल जैन कालूखेड़ा पिता शैतानमल जैन ने अपने भाइयों के साथ मिलकर नागछत्रेश्वर कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड फर्म की आड़ में शासकीय भूमि जिसका सर्वे क्रमांक 1626/1, 1627, 1628 जिसका कुल रकबा 0.575 तकरीबन पौने 3 बीघा शासकीय जमीन को उस समय अधिकारियों से सांठगांठ कर ओने पौने दाम पर सुधीर यादव पिता रघुवीर यादव से एक दशक पूर्व यह जमीन खरीद ली गई साथ ही भाजपा की राजनीति में रहते हुए अपनी नेतागिरी के दम पर इस शासकीय जमीन को निजी दर्ज करा लिया गया और इस शासकीय भूमि पर कस्तूरी बाग नाम से वैध कॉलोनी विकसित कर दी गई। वही आज दिनांक तक समस्त भूखंडों का क्रय विक्रय हो गया है साथ ही कॉलोनी विकसित की वह तमाम प्रकार की स्वीकृति भी प्राप्त कर ली गई है जिससे इस कॉलोनी को अवैध करार करने में चप्पल छिल जाएं। मगर जागरूक शिकायतकर्ता ने यह लड़ाई जारी रखते हुए इस मामले को दफन ना होने दिया। खास बात यह है कि जिम्मेदारों को इसकी जानकारी होने के बावजूद वर्षों से कारवाई नाम मात्र है। फिलहाल इस प्रकरण की सुनवाई एसडीएम कार्यालय की कोर्ट में सुनवाई जारी है जिसे कल्याणी पांडे सुन रही है अब देखना यह दिलचस्प होगा कि इस चुनावी साल में सत्ता का दबाव असर दिखाता है या बेअसर इस मामले को दबा दिया जाएगा। फिलहाल दबंग लेडी ने इस पूरे मामले में तहसीलदार और पटवारी को आदेश जारी कर दिए हैं।
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