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आईपीएल बुकी सटोरिए चिंटू के चक्कर में शहर का नौजवान हो रहे बर्बाद कोने कोने से लेकर गली मोहल्ले तक फैला क्रिकेट सट्टे का जाल जिम्मेदारों क्यों नहीं पहुंच पा रहे बुकी चिंटू तक

मंदसौर। आईपीएल क्रिकेट जब से देश मे शुरू हुआ तब से लेकर आज तक इस क्रिकेट के खेल को सटोरियों ने अपना धंधा बना लिया है। और शहर के नौजवानों युवा पीढ़ी को क्रिकेट के सट्टे के दलदल में फसाने का काम शुरू कर दिए है जिसके कारण कई परिवार इस क्रिकेट के सट्टे मे बर्बाद हो चुके है तो कई बर्बादी के करीब   जा पहुचे है तो कई ने अपनी जीवन लीला भी खत्म कर दी लेकिन इन सटोरियों का कुछ भी नहीं बिगड़ा,और आज भी ये सटोरिए अपना काम बखूबी करते आ रहे है लेकिन हमेशा की तरह पुलिस कार्यवाही भी करती है लेकिन फिर भी पुलिस इन क्रिकेट बुकी सटोरियों पर नकेल नहीं कस पाई है जिसका परिणाम ये दिखाई देता है कि जैसे ही आईपीएल शुरू होते है क्रिकेट सट्टे के बुकी कुकुरमुत्ते की तरह निकलना शुरू हो जाते है और शहर के कोने कोने से लेकर गली मोहल्ले में अपनी फिल्डिंग जमाना शुरू कर देते है इसके लिए बुकी ये काम अपने गुर्गों के माध्यम से करवाते है ऐसा ही मामला मंदसौर शहर और आस पास  मे देखने को मिल रहा है यहां आईपीएल क्रिकेट सट्टे के बुकियो की कमी नहीं है जिसमे सबसे ज्यादा चर्चा किसी ठिंगने कद काठी के चिंटू (कालिया) की हो रही है जो मंदसौर मे क्रिकेट सट्टे का सबसे बड़ा बुकी बन गया जिसने अपने सट्टे का ऐसा जाल बिछाया जो शहर और शहर के आसपास के कोने कोने से लेकर गली मोहल्लों तक फैला दिया,जिसके कारण शहर के युवा नौजवान जल्दी लखपति करोड़पति बनने के चक्कर मे चिंटू के गुर्गों के माध्यम से क्रिकेट के सट्टे पर हार जीत के दाव लगाने लगे है और इसके करना युवा नौजवान लखपति करोड़पति तो नहीं बन पाए लेकिन रोड पति जरुर बन बैठे है और कई रोड पर आने की कगार पर है जिससे इन युवा नौजवानों के परिवार भी बर्बाद हो गए है तो कई मे अपनी जीवन लीला खत्म कर ली है। इतना ही नहीं चिंटू के गुर्गे युवा नौजवानों को लखपति बनने का लालच देकर सट्टा लगाने के लिए कहते है और इन युवा नौजवानों के पास पैसा नहीं होते है तो अपनी सेटिंग वाले लोगो से महंगे ब्याज के भाव मे इन लोगो को पैसा भी दिलवाते है जो 20% से 40%  तक और कई से डेली के ब्याज पर पैसा भी उपलब्ध करवाते है ताकि युवा नौजवान इस क्रिकेट के दलदल में फसा रहे। और ऐसे हालात मे अगर पैसा खत्म होने पर ब्याज का मीटर लगातार चालू रहता है जो युवा नौजवान नहीं चुका पाते है और कुछ तो अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेते है इतना सबकुछ चल रहा है लेकिन मंदसौर के तीन थानों की पुलिस जब से क्रिकेट मैच शुरू हुए तब से लेकर आज तक इन सट्टे के बूकियो के गिरेबान तक हाथ नहीं डाल पाई,आखिर क्यों ? सूत्री की माने तो पुलिस की मिली भगत से सटोरिया बुकी चिंटू बिंदास अपना काम को अंजाम दे रहा है। जब की शहर के गली मोहल्लों तक मे क्रिकेट सट्टे के प्रेमी सट्टा लगा रहे है और पूरे शहर में चिंटू के गुर्गे ग्राहकों से सट्टा लगवा रहे है और आईडी उपलब्ध करवा रहे है। लेकिन जिम्मेदार अब तक कोई कार्यवाही नहीं कर पाए या करना नहीं चाहते है क्युकी लक्ष्मी नारायण की कृपा बरस रही हो,अब किसके ऊपर उम्मीद रखी जाए अब तो उम्मीद पुलिस कप्तान पर ही बची है जिन्होंने बड़े बड़े अपराधियो पर शिकंजा कसा और उनके घर पर बुलडोजर कार्यवाही भी करवा दी लेकिन उनकी पुलिस शहर के सबसे बड़े क्रिकेट बुकी चिंटू (कालिया) तक नहीं पहुंच पा रही आखिर क्यों  क्या कप्तान लेंगे एक्शन क्रिकेट बुकी चिंटू पर या नहीं?

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