चीताखेडा-18फरवरी। महाशिवरात्रि शिव और उमा के मिलन का पर्व चीताखेडा पूरे ॳचल के शिवालयों में उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। अल सुबह से ही शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ दर्शन हेतु उमड़ने लगी थी हर हर महादेव जय बम बोले जयकारों से गूंज उठे शिवालय। भक्तों ने महाशिवरात्रि पर्व पर बाबा भोलेनाथ को बिल्व पत्र, फूल , पत्तियां, धतूरा, भांग सहित अन्य पूजन सामग्री अर्पित कर पूजा-अर्चना के साथ जलाभिषेक,दुग्धाभिषेक , श्रृंगार,भजन-किर्तन कर परिवार के लिए सुख-समृद्धि की कामना की।महाशिवरात्री पावन पर्व के अवसर पर सभी शिवालयों को मंदिर समितियों द्वारा विध्युत डेकोरेशन से झगमगाया गया शनिवार को अल सुबह से ही हरवार के पास सुरम्य पहाड़ियों की गोद में विराजमान अति प्राचीन जलेश्वर महादेव मंदिर पर भक्तों की भीड़ दर्शन हेतु उमड़ने लगी थी जो देर शाम तक निरंतर जारी रहीं। महाशिवरात्रि पर सूर्योदय से ही जलाभिषेक,दुग्धाभिषेक, हवन, पाठ-पुजा का आयोजन प्रारंभ हो गया था। भगवान आशुतोष के विवाह की चारो और छाई खुशी, महिला भक्तों ने गाए मंगल गीत। पार्वती द्वारा महादेव शिव को पति रूप में पाने के लिए की गई तपस्या का फल ही महाशिवरात्रि हैं,यह शिव और शक्ति के मिलन की रात हैं।जलेश्वर महादेव मंदिर पर भगवान आशुतोष के दर्शन हेतु आनेवाले श्रद्धालुओ के लिए जलेश्वर सेवा समिति द्वारा हर वर्ष की तरह इस बार भी विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया।भण्डारे का आयोजन शनिवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर 8वी बार भण्डारा किया गया जिसमें प्रातः 9बजे प्रारंभ हो गया था जो शाम 7 बजे तक जारी था।भण्डारे में 7हजार से भी अधिक भक्तों ने महाप्रसादी ग्रहण की।भण्डारे एवं मंदिर पर आयोजित कार्यक्रम का संचालन जय जलेश्वर सेवा समिति द्वारा किया गया। पर( भंमरमाता)मधुमक्खियों ने दर्शनार्थियों की भीड मे अचानक धुएं के कारण कुछ दर्शनार्थियों पर हमला कर दिया था जिससे कुछ समय के लिए भगदड़ मच गई थी।जलेश्वर महादेव मंदिर पर महाशिवरात्रि के अवसर पर रात्री को स्थानीय कलाकारों द्वारा भजन किर्तन किया गया जो देर रात तक जारी रहा।महाशिवरात्रि पावन पर्व पर शिवालयों पर आयोजकों द्वारा प्रसाद के रूप मे ठण्डा पेयपदार्थ (भांग ) का भोलेनाथ को भोग लगाकर वितरण की गई। चीताखेडा के माली मौहल्ले मे शिव मंदिर,बडी होली चौक पर सिद्धेश्वर महादेव,महाकाल मंदिर,ब्राह्मण मौहल्ले मे नीलकंठ महादेव,इन्दिरा आवास कालोनी मे शिव मंदिर तथा चीताखेडा-दलपतपुरा झील मे स्थित अतिप्राचीन रामझर महादेव,कराडिया महाराज के पास स्थित 11वीं सदी का प्राचीन स्थल सिद्धेश्वर महादेव मंदिर पर कई धार्मिक कार्यक्रम हुए।
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