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उदयपुर का बहुचर्चित रूचिता हत्याकांड आरोपी दिव्य कोठारी को जिंदगीभर जेल की सजा, 7 साल बाद आया फैसला

उदयपुर का बहुचर्चित रूचिता हत्याकांड आरोपी दिव्य कोठारी को जिंदगीभर जेल की सजा, 7 साल बाद आया फैसला उदयपुर के बहुचर्चित रूचिता हत्याकांड मामले में गुरुवार को चित्तौड़गढ़ कोर्ट ने आरोपी को आजीवन कारावास और 50 हजार रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई। इस केस में मृतका रुचिता के वकील होने के कारण आरोपी पक्ष की किसी ने पैरवी नहीं की थी, इस वजह से 2017 में एक केस चित्तौड़गढ़ कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था। 7 साल बाद रुचिता के पति केवी गुप्ता को न्याय मिला है। खास बात यह कि आरोपी पक्ष ने आरोपी को पागल बताकर गुमराह करने की कोशिश की थी, ऐसा नहीं हो सका लोक अभियोजक सुरेश चंद शर्मा ने बताया कि उदयपुर में 1 दिसंबर 2016 को पेशे से अधिवक्ता रुचिता जैन की घर में घुसकर दिव्य कोठारी ने हत्या की थी। इस मामले में आरोपी का केस लड़ने से सभी वकीलों ने मना कर दिया था ऐसे में इस केस को चित्तौड़गढ़ ट्रांसफर किया गया था। केस की सुनवाई पूरी होने के बाद चित्तौड़ कोर्ट ने गुरुवार को रूचिता की हत्या के आरोप में दिव्य पुत्र अरविंद कोठारी को आईपीसी की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और 50 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई मृतका रुचिता के पति केवी गुप्ता ने बताया कि आरोपी को बचाने के लिए उसके परिवार ने उसे पागल बताकर बचने की भरपूर कोशिश की मगर अंततः न्याय की जीत हुई है। उन्होंने बताया कि इस केस की शुरुआत में पुलिस के अधिकारियों ने मुझे यह पकड़ लिया था, जबकि मैं उस दिन कॉलेज गया हुआ था। सुखेर थानाधिकारी मांगीलाल पंवार ने इस मामले में हर शख्स को मजबूती से फाइल में लिया और इसी कारण आज न्यायालय ने आरोपी को कड़ी सजा दी है बता दें कि 1 दिसंबर 2016 को न्यू भूपालपुरा स्थित ऑर्बिट कॉन्प्लेक्स अपार्टमेंट में रहने वाली रुचिता जैन का खून से सना शव घर में मिला था। रुचिता की हत्या उसी अपार्टमेंट के अन्य फ्लैट में रहने वाले 21 साल के स्टूडेंट दिव्य कोठारी ने की थी। आरोपी रुचिता को जानता था। इस वजह से वो उसके घर गया था और छेड़छाड़ की थी। विरोध करने और परिजनों को सब बताने की बात पर दिव्य ने रूचिता ने सिर पटक कर उसकी हत्या कर दी हत्या इतनी निर्ममता से की गई थी कि फ्लैट की छत तक पर खून के छींटे लगे हुए थे। इसके बाद शातिर दिव्य मौके से भाग गया था। इसके बाद आरोपी एक सुसाइड नोट लिखकर अपने घर से चला गया था। इस केस में पुलिस पति पत्नी के झगड़े के अंकल पर काम करती हुई केवी गुप्ता को ही आरोपी मान रही थी। सुसाइड नोट के आधार पर ही पुलिस की शक की सुई दिव्य तक पहुंची और उससे पूछताछ में हत्या करना स्वीकार किया था।

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