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नवरात्र में मां शैलपुत्री की घटस्थापना के साथ मां की भक्ति में लिन हुए भक्त मंदिरों, चौक चौराहों के साथ घर-घर विराजमान हुई मां आदिशक्ति


चीताखेडा-26सितंबरा-26सितंबर। नवरात्र को मां आदिशक्ति की आराधना का पर्व माना जाता है, विविध रूपों में मां आदिशक्ति की आराधना की जाती है।ऐसा ही एक जनमानस का आस्था शक्ति पीठ आरोग्य देवी महामाया आवरी माता जी का धाम है जहां दूर दूर से श्रद्धालु मां के दर्शन करने पहुंचते हैं।यह नौ दिन ममता और उर्जा की आराधना का पर्व हैं, शारदीय नवरात्र के 9 दिन आराधना आस्था और भक्ति के साथ ही साधना का अवसर भी लेकर आया हैं। मां के भक्त आज सोमवार  से मां की भक्ति मे लिन हो गये हैं, और इसी के साथ कोई निराहार तो कोई वास,उपवास तो कोई नगे पैरों रहकर मा को रिझाने के प्रयास में लग गये। सोमवार को शुभ मुहूर्त मे घर-घर चौक-चोराहे पर पण्डाल मे  मां शैलपुत्री विराजमान हुई नवरात्र  सनातनधर्म के अनुयायियों का विशेष पर्व है ।नवरात्र का धार्मिक,आध्यात्मिक,लोकिक और शारिरिक दृष्टि से बडा महत्व हैं।ऐसा ही एक प्रत्यक्ष उदाहरण है ,जिला मुख्यालय से दक्षिण की ओर 20 किमी दुर चीताखेडा से लगा माताकाखेडा की पावन धरा पर स्थित 433 वर्ष पुराना अतिप्राचीन नीमच, मंदसौर,रतलाम, राजस्थान के चित्तौड़गढ़,प्रतापगढ़ जिलों का विख्यात आध्यशक्ति धाम आरोग्य देवी आवरीमाता जी का अलोकिक दरबार जहां हजारों भक्त मां के दरबार मे अपनी अर्जित लगाते हैं।कहते यहां मां आवरीमाता अपने भक्तों के हर दु:ख को समेट लेती हैं जन-जन की आस्था का केंद्र आरोग्य देवी महामाया आवरीमाता जी की असीम कृपा से असाध्य रोग  जैसे लाईलाज रोगियों को मात्र विभूति लगाने से चंद दिनों मे भला चंगा करने की मां क्षमता रखती हैं।इसी चमत्कार से आस्था का सैलाब लिए जग प्रसिद्ध मां के प्रति अगाध श्रृद्धा लिए मां के दरबार मे मत्था टेकने आते हैं। मां के दरबार मे सच्चे मन से श्रृद्धा लेकर आने वाले भक्तों की मनोवांछित कामनाएं पुरी होती हैं।मां का दरबार चीताखेडा ही नही अपितु मालवा मेवाड क्षेत्र मे श्रृद्धा का प्रतीक बना हुआ हैं ।मां के इस अलौकिक दरबार मेे वर्ष मे एक बार चैत्र नवरात्रि पर्व पर नौ दिवसीय विशाल मैला लगता है, दुर्गाष्टमी को हवन किया जाता हैं।आवरीमाता जी की कारूलाल मीणा के पत्र गोपाल मीणा द्वारा जो कि 6टी पीढ़ी  सुबह शाम पूजा अर्चना कर रहे हैं। मां के दर्शन हेतु आने वाले श्रद्धालुओ के मनोरंजन हेतु मंदिर समिति द्वारा झूले चकरी भी लगा रखें हैं। सोमवार को मां जगदम्बा की घटस्थापना के साथ ही आवरीमाता जी केअलौकिक दरबार मे मां के दिव्य दर्शन हेतु सुबह से देर रात्रि तक ताता लगा रहा। सोमवार को प्रातः शुभ मुहूर्त में आवरी माता जी के पुजारी गोपाल-कारुलाल मीणा के साथ मंदिर समिति के सदस्यों ने मां शैलपुत्री की घटस्थापना के साथ वाड़ी ( जवारा)ओरी (बोई)गई। इस अवसर पर आवरी माता जी के मंदिर को विद्युत रोशनी से जगमगाया गया और आकर्षक ढंग से मंदिर में फूल पन्नियों से सजाया गया है यहां होते हैं गरबा उत्सव चीताखेडा में अलग -अलग दो स्थानों पर  भटवाडा में बजरंग मंदिर और बस स्टैंड के पास काराबावजी चौक पर हर वर्ष की तरह इस बार भी गरबा पंडाल बनाए गए हैं जहां गरबा उत्सव समिति द्वारा शुभ मुहूर्त में मां दुर्गा की पूजा अर्चना कर विधि-विधान पूर्वक वैदिक मंत्रोच्चार के साथ 9दिनों तक चलने वाली आराधना हेतु घटस्थापना की गई है। आयोजकों द्वारा गरबा पंडालों को फूल-पन्नियों और विद्युत बल्बो से शानदार आकर्षक ढंग से सजाया गया है। सार्वजनिक देवालयों, देवियों के मंदिरों के साथ-साथ घर-घर में विराजमान हुई है मां शैलपुत्री। नवरात्र के अवसर पर गमेरपुरा, चैनपुरा,घसुण्डी जागीर, अमावली जागीर,भीमपुरा,हरनावदा,राबडिया,सोनीयाना,कराडिया महाराज,बमोरा, अरनिया, आसपुरा, महूडिया, धामनिया,झांझरवाडा सहित अन्य कई ग्रामों में गरबा पंडाल बनाए गए हैं जहां गरबा महोत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाएगा।

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