दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष और राजस्थान CM विवाद के बीच MP के पूर्व CM दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि वे अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे। दिग्विजय दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर पहुंचे। उन्होंने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन फॉर्म लिया। इसके बाद मीडिया से कहा- नामांकन कल दाखिल करूंगा। दिग्विजय के साथ विधायक गोपाल सिंह चौहान और रामेश्वर नीखरा भी साथ रहे। गोपाल सिंह, सिंधिया के गढ़ कहे जाने वाले अशोकनगर जिले की चंदेरी विधानसभा से विधायक हैं दिग्विजय थोड़ी देर में गहलोत और सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद राजस्थान पर भी फैसले का ऐलान किया जा सकता है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल भी दिल्ली पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि 1-2 दिन के अंदर राजस्थान का मामला सुलझ जाएगा। दिग्विजय सिंह बुधवार देर रात अचानक केरल से 'भारत जोड़ो यात्रा' छोड़कर दिल्ली पहुंचे थे। उनके बंगले पर पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम मिलने पहुंचे। करीब 45 मिनट तक दोनों नेताओं की बंद कमरे में बातचीत हुई जानिए, दिग्विजय कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे क्यों 1987 में आए थे गांधी परिवार के करीब राजस्थान में सियासी संकट के बीच मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की रेस में सबसे आगे हैं। यदि दिग्विजय सिंह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं तो वे इस कुर्सी पर बैठने वाले मध्यप्रदेश के दूसरे नेता होंगे। इससे पहले भोपाल के शंकर दयाल शर्मा 1972 से 1974 तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे दिग्विजय को करीब से जानने वाले कहते हैं- गांधी परिवार और दिग्विजय सिंह की करीबियों की शुरुआत साल 1987 में हुई थी। जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे। राजीव ने एक दिन अचानक दिग्विजय को बुलाया और बताया कि वे उन्हें मध्यप्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाना चाहते हैं। हालांकि वे इस पद पर नहीं जा पाए, लेकिन बाद में उन्हें यह कुर्सी मिली थी। इसके बाद 1993 में वे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को कांग्रेस के भावी अध्यक्ष के तौर पर शामिल प्रमुख दावेदारों में माना जा रहा है । दिग्गी की दावेदारी की तस्वीर आज साफ हो जाएगी।बचपन से माता-पिता ने संघर्ष करना सिखाया अध्यक्ष को लेकर मची उठापटक के बीच दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और चांचौड़ा से कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने बड़ी बात कही है दिग्विजय सिंह के कांग्रेस अध्यक्ष की दावेदारी को लेकर उनके छोटे भाई लक्ष्मण सिंह ने कहा, मुझे और दिग्विजय सिंह को हमारे माता-पिता ने बचपन से संघर्ष करना सिखाया है। खेल का मैदान हो या राजनीति, दिग्विजय सिंह पीछे हटने वालों में से नहीं हैं।
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