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नारायणगढ़ कोतवाल दे रहे तस्करों को अभयदान,ऐसा नारायणगढ से क्या मोह जो दोबारा नारायणगढ आ गए गठजोड़ से क्षेत्र से निकल रही तस्करों की गाड़ियां,जोधपुर में पकड़ाई 40 क्विंटल की खेप,नारायणगढ थाना क्षेत्र से निकली थी या निकलाई थी


मल्हारगढ़ -जिले के ईमानदार एसपी अनुराग सुजानिया तस्करों को कमरतोड़ने में लगे है लेकिन नारायणगढ़ कोतवाल तस्करों को अभयदान दे रहे है।अवैध मादक पदार्थो की तस्करी के गढ़ कहे जाने वाले नारायणगढ थाना क्षेत्र में हाल ही में पदस्थ कोतवाल डोडाचूरा में लीपापोती कर तस्करों को अभयदान देने का काम कर रहे है ।आप को बता दे यह कोतवाल नारायणगढ थाने में पहले भी पदस्थ रहे लेकिन विवादित कोतवाल  केवल डेढ़ महीने में रवानगी हो गई थी अब फिर यह मंत्रीजीदत्तिगाव के माध्यम से जोड़ तोड़ कर नारायणगढ आ गए आखि नारायणगढ़ थाने में कोतवाल साहब को ज्यादा भा रहा है इसलिए दोबारा इस थाने पर आ गए जिससे तस्करों से गठजोड़ कर फिर उन्हें अभयदान दिया जा सके। कोतवाल साहब का शामगढ़ में जनता का मुखर विरोध था जिसके बाद हरदीप सिंह डंग ने  से इनका ट्रांसफर कराया था तबादला  होने पर लोगो ने पटाखे तक फोड़े थे व खुशी जाहिर की थी ।जबकि अमूमन होता है कि किसी अधिकारी के ट्रांसफर होने पर उसे विदाई देते है लेकिन कोतवाल साहब का ट्रेंड अलग है इन्हें जनता खुश होकर रवानगी देती है। साहब के थाने में आते ही दो एनडीपीएस किये मामलों में कोतवाल साहब ने जमकर चांदी काटी क्योंकि इन कोतवाल ने स्कार्पियो कहा से माल लाई थी व कहा देने जा रही थी यह तस्करों से उगला नही पाई के नाम तो उगले लेकिन वह गांधीछाप में दब गए सूत्रों की माने तो स्कार्पियो जीरन कि ओर जा रही थी ..वही एक आल्टो को पुलिस ने पकड़ा जिसमे कमर्शियल डोडाचूरा था लेकिन इन कोतवाल  साहब से इसमें भी अभयदान दिया डोडाचूरा को नान कमर्षिलय कर दिया जिससे कि तस्करों की जल्दी जमानत हो जाये..क्योकि साला कोतवाल तस्करों के आगे झुक गया..अब अल्टो कहा से माल लाई किस्से डोडाचूरा आया किसे देने जा रहा था सब पुलिस को पता था लेकिन पुलिस ने कागज रंगे ही नही.. पेटियों में खेल कर दिया ...सूत्रों के मुताबिक अल्टो मल्हारगढ़ में किसी ढाबे पर डोडाचूरा खपाने आ रही थी..लेकिन कोतवाल साहब ने सभी को बोतल में उतार दिया। लेकिन थाना प्रभारी द्वारा सिर्फ खानापूर्ति की कार्रवाई एसपी के कड़े निर्देशों के बावजूद भी नारायणगढ़ थाना प्रभारी अपनी मनमानी पर उतरे है एस पी के आते ही तस्करों में खलबली मच चुकी थी लेकिन अब ऐसा लगता है कि नारायणगढ़ थाना क्षेत्र के तस्कर नारायणगढ़ थाने के कोतवाल की मिलीभगत से बेखौफ हो चुके हैं उन्हें मालूम है कि यदि मुखबिरी लगती है तो थाना प्रभारी उन पर बड़े मेहरबान होंगे जिससे कमर्शियल को नॉन कमर्शियल कर आसानी से जमानत करवाई जा सकती है यह बखूबी तस्कर जानते हैं लेकिन हम बात कर रहे हैं। कुछ दिन पहले हुए एनडीपीएस एक्ट के मामले की मनासा क्षेत्र से निकली अल्टो कार कहां से पकड़ी गई इसकी लोकेशन एसपी महोदय को निकालना चाहिए कुछ ऐसे पुलिसकर्मियों अधिकारी हैं जिनके मोबाइल यदि ट्रेस किए जाए तो तस्करों से गठजोड़ के संबंध काल डिटेल के माध्यम से निकल सकते हैं कितने बजे गाड़ी निकली और कितने बजे गाड़ी से माल निकाल कर कमर्शियल और नॉन कमर्शियल किया गया पूरा खुलासा होगा जल्द ही किसका था माल किस से जा रहे थे देने इस पर नहीं है जादौन का ध्यान सिर्फ गांव गांव शहर शहर कस्बे कस्बे किसानों के पास जाकर वसूली का कार्य चालू है जबकि तस्करों की कमर तोड़ने के लिए यहां पर जनाब ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जिससे तस्करों में खलबली मच जाए व तस्करी पर लगाम लगाई जाए मंदसौर एसपी महोदय को इस मामले में जांच के आदेश देकर पूरे थाने की कॉल डिटेल व थाना प्रभारी की कॉल डिटेल लोकेशन व सीसीटीवी कैमरे खंगालने चाहिए जिससे थाना प्रभारी की काली करतूतों से पर्दा उठ जाए व भविष्य में कभी कमर्शियल को नॉन कमर्शियल करने में कोई भी थाना प्रभारी सफल ना हो पाए,सोचने वाली बात यह भी है कि मात्र 40 किलो डोडा चूरा लेकर डोडा चूरा तस्कर जोधपुर तो जा नहीं सकता ना ही पंजाब जा सकता है जा सकता है तो सिर्फ आसपास के क्षेत्र उसके बावजूद भी थाना प्रभारी क्यों है कार्रवाई करने में नाकाम

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