ऱतलाम के पास रत्तागड़खेड़ा गाव में पांच दिन पहले एक किसान की विस्फोट में मौत होने के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। किसान की हत्या धमाकेदार विस्फोट से करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरप्तार कर लिया है। आरोपी ने हत्या करने की जो वजह बताई उससे पुलिस को इस बात पर नाज होगा कि उसने दो और हत्या होने से रोक ली। पकड़ाए आरोपी ने एक साल पहले अपनी पत्नी के साथ दुष्कर्म करने और शिकायत करने पर धमकाने वाले तीन आरोपियों की हत्या करने के लिए खूनी साजिश रची थी। आरोपी ने विस्फोट लगाकर गैंग रेप के एक आरोपी को उड़ा दिया। पुलिस ने अब हत्या के आरोपी की पत्नी से एक साल पहले दुष्कर्म करने वाले तीन में से बचे दो आरोपियों को भी गिरप्तार कर लिया। दुष्कर्म करने वालो में एक पूर्व सरपंच है आरोपी ने 6 माह पूर्व भी पत्नी के साथ गैंग रेप करने वाले एक आरोपी सरपंच भवरलाल की हत्या करने के लिए जिलेटिन रॉड, डेट्रॉनेटर का इस्तेमाल करके ट्यूबवेल के स्टार्टर से जोड़ा था एक व्यक्ति घायल हुआ, लेकिन जिंदा बच गया। अब 6 महीने बाद और अधिक विस्फोटक के साथ दूसरे आरोपी लालसिंह को निशाना बनाया और इस बार जान लेने में सफल भी हो गया। तीसरे को शिकार बनाने से पहले पुलिस के हत्थे चढ़ गया आरोपी सुरेश लोढ़ा ने हत्या बदला लेने के लिए की थी। मृतक लाल सिंह, पूर्व सरपंच भंवरलाल और अन्य आरोपी दिनेश ने उसकी पत्नी के साथ एक साल पूर्व अपने खेत पर सामूहिक दुष्कर्म किया था। पत्नी उनके खेत पर मजदूरी करती थी। शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी भी दी। इसके बाद पति ने तीनों को मारने की कसम खाई साजिश रची। इसके तहत 4 जनवरी रात 3 बजे लालसिंह के खेत पर पहुंचा। पेचकस और कुदाली से मिट्टी खोदी और 14 रॉड और डेट्रॉनेटर ट्यूबवेल के स्टार्टर से जोड़े। इसके बाद सुबह जैसे ही लालसिंह ने स्टार्टर का बटन दबाया, उसके शरीर का चीथड़े उड़ गए घटना बहुत संगीन थी। आसपास के गावो में सनसनी फैल गयी थी। इस घटना की सूचना पर एस पी गौरव तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी घटना स्थल पहुचे थे वे स्वयं गांव में पंहुचे थे। इसके साथ ही फोरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. अतुल मित्तल, बम डिस्पोजल दस्ता ओर सायबर सेल का दल भी मौके पर पंहुची था। गंभीर मामला होने पर एएसपी सुनिल पाटीदार के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया, जिसने जांच शुरु की। टीम ने निरीक्षण में कई अहम सुराग पाए थे जिनके आधार पर पड़ताल को आगे बढ़ाया गया जांच टीम ने साईबर की मदद से जांच की तो पाया कि गांव के रहने वाले सुरेश लोढ़ा का आचरण घटना के पहले से संदिग्ध है। घटना के पहले ही वह पत्नी और बच्चों को मंदसौर के पास छोड़ आया था। घटना के बाद वह स्वंय भी वहीं चला गया। पुलिस ने जब पूछताछ की तो उसने हत्या करना कबूल कर ली। आरोपी ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि एक साल पहले पत्नी के साथ हुए अपराध के चलते उसने साजिश रची। आरोपी ने 6 महीने पहले भी सरपंच भंवरलाल के खेत मे इसी तरह की घटना की गई थी। लेकिन उसका स्टार्टर नीम के बड़े पेड़ के समीप लगा था और सुरेश ने तब कम छड़ो का इस्तेमाल किया था। इससे वह घायल हुआ था लेकिन उसकी जान बच गई थी। मामले में बद्रीलाल पिता रामेश्वर पाटीदार उम्र 40 साल निवासी सिमलावदा को भी गिरफ्तार किया गया है। उसके द्वारा हत्या में प्रयुक्त डेट्रोनेटर और जिलेटिन बेची गई थी, जबकि उसके पास वर्तमान में बेचने के लिए कोई वैद्य लाईसेंस भी नहीं है। एसपी ने यह भी बताया कि पुलिस ने जब आरोपी और अन्य ग्रामीणों से जांच के दौरान पूछताछ की तो पाया गया कि गांव में लगभग सभी को डेट्रोनेटर, जिलेटिन के द्वारा विस्फोट करने और उसके तरीके का ज्ञान है। ग्रामीण कुएं आदि खोदने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं।पुलिस ने जहां हत्या के आरोपी को गिरप्तार किया वही हत्या की वजह जो सामने आई उस पर आरोपी की पत्नी के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने का मामला दर्ज करते हुए दुष्कर्म करने वाले तीन आरोपियों सरपंच भवरलाल, दिनेश ओर लालसिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया। पुलिस ने बचे हुए दो आरोपियों भवरलाल ओर दिनेश को गिरप्तार कर लिया गया है। जबकि एक आरोपी लालसिंह की हत्या हो चुकी थी मैं बताना चाहूंगा की यह 4 तारीख की घटना है। पुलिस थाना बिलपांक थाना प्रभारी को सूचना मिली एक व्यक्ति जो रत्तागड़खेड़ा का लाल सिंह है उस की डेड बॉडी उसके खेत में पड़ी हुई है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि किसी विस्फोटक सामग्री के ब्लास्ट होने से उक्त घटना घटित हुई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पहुंचे थे जिसमें बीडीएस की टीम भी थी फॉरेंसिक टीम भी थी और साइबर सेल भी था। बीडीएस टीम ने मौके पर जो साक्ष्य कलेक्ट किए उस में पता चला कि इसमें जिलेटिन रॉड और डेटोनेटर को यूज करके यह ब्लास्ट किया गया है।यह जो मृतक है लाल सिंह उसके खेत में जो ट्यूबवेल है उसके स्टार्टर से कनेक्ट किया गया था जैसे ही उसने स्टार्टर को चालू किया वैसे ही ब्लास्ट हुआ। इस संबंध में घटनास्थल पर किसी और प्रकार के साक्ष्य नहीं होने से यह स्पष्ट हो गया था कि किसी ने हत्या की नियत से ही इसको प्लांट किया था। इस पर पुलिस थाना बिलपांक में धारा 302 का मामला पंजीबद्ध किया गया था मामला काफी गंभीर था। काफी सेंसेटिव था। इसलिए एक एसआईटी का गठन किया था।आरोपी के खिलाफ ₹10000 का इनाम भी घोषित किया था। जांच में पुलिस को सूचना मिली कि गांव का ही एक व्यक्ति सुरेश नामक है। वह व्यक्ति घटना दिनांक से ही अपने परिवार के साथ गांव से बाहर है। उसकी तलाश शुरू की गई साइबर सेल की मदद से पता चला कि उसकी लास्ट लोकेशन मंदसौर है ।मंदसौर से पुलिस ने उसको गिरफ्तार किया उससे पूछताछ की गई तो उसने बताया कि घटना को उसी ने अंजाम दिया है। और 6 माह पूर्व भी उसने गांव के सरपंच भंवरलाल के ऊपर भी इसी तरह से प्राणघातक हमला किया था हालांकि इस हमले में उनको इंजरी नहीं हुई थी और वह बच गए थे। इस संबंध में उसका कहना है कि 1 वर्ष पूर्व जो तीन लोग हैं सरपंच भंवरलाल, लाल सिंह जो मृतक है और साथी दिनेश इन तीनों लोगों ने इसकी वाइफ के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था और इन को धमकी दिया था कि पुलिस में रिपोर्ट करने पर जान से मार दिया जाएगा जिस कारण से इसने डिसाइड किया कि मैं इनका फैसला खुद कर लूंगा और इसने पुलिस मैं रिपोर्ट नहीं लिखाई और उसके बाद पहले भंवरलाल के खिलाफ ब्लास्ट किया लेकिन भंवरलाल बच गया। फिर इसने दोबारा अटेंप्ट किया लाल सिंह पर जिसमें लाल सिंह की मृत्यु हो गई। इसकी वाइफ के बयान और तथ्यों के आधार पर एक 376 और अन्य धाराओं का मामला इन तीन लोगों के खिलाफ पंजीबद्ध किया गया। लाल सिंह भंवर लाल और दिनेश के खिलाफ इसमें अभी तक की विवेचना में जो तथ्य आए हैं उसमें पता चला है कि यह जो रत्नागढ़ खेड़ा के पास में ही सिमलावदा गांव का बद्रीलाल पाटीदार है उसने ही विस्फोटक सामग्री आरोपी को उपलब्ध कराई थी जिसके पास 1 वर्ष पूर्व तक विस्फोटक सामग्री बेचने का लाइसेंस था। लाइसेंस एक्सपायर होने के बाद भी उसके पास कुछ और सामग्री रह गई थी जिसे यह बेच रहा था। उसी आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया उसके पास से 10 जिलेटिन रॉड और 10 डेटोनेटर जब्त किए गए हैं। और सुरेश के घर से भी 5 जिलेटिन रॉड और 5 डेटोनेटर जप्त किए हैं इस तरह देखा जाए तो जो 302 का मामला था उसमें दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।आरोपी लाल सिंह की वाइफ के बयान और तथ्यों के आधार पर जो सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया है उसमें तीन आरोपी हैं उसमें से एक की मृत्यु हो गई लाल सिंह की बाकी दो आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है इसमें यह जरूर कह सकते हैं कि उसने पूछताछ में स्वीकार किया था कि इन तीनों को ही प्लान किया था भंवरलाल बच गए थे। लाल सिंह की जरूर हत्या की जा चुकी है। सुरेश यह घटना होने से बच गया सुबह आठ बजे खेत आया। तभी एक धमाका सुना तो देखा की लालसिंह ने स्टाटर का बटन दबाते ही धमाका हुआ था। पास में एक गड्डा भी हो गया था। लालसिंह दूर पड़ा हुआ था।
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