भोपाल मध्य प्रदेश के पंचायत चुनावों को बड़ी खबर सामने आई है।ओबीसी आरक्षण सुप्रीम कोर्ट और राज्य निर्वाचन आयोग के फैसले के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ ही होंगे। इसके लिए सरकार कोर्ट जाएगी, जिसमें केंद्र सरकार भी सहयोग करेगी। सीएम शिवराज के इस बयान के बाद अटकलें लगाई जा रही है कि फिलहाल पंचायत चुनावों को टाला जा सकता हैआज मंगलवार को मप्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन ओबीसी आरक्षण को लेकर कांग्रेस के स्थगन प्रस्ताव पर जमकर हंगामा हुआ, इसे देख सीएम शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा कर दी कि पिछले 3 दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा कानूनविदों से इस बारे में चर्चा की गई है। अब मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ ही होंगे। पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी, जिसमें केंद्र सरकार भी सहयोग करेगी बता दे कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मप्र राज्य निर्वाचन आयोग ने फैसला लिया था कि OBC के लिए रिजर्व सीटों को छोड़ बाकी सभी सीटों पर चुनाव कराए जाएंगे और और तय समय पर कानून के दायरे में होंगे।। पंचायत चुनाव की प्रक्रिया में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा । इस फैसले के बाद अब जिला पंचायत अध्यक्ष से लेकर पंच तक 98 हजार 319 सीटों पर फिलहाल चुनाव नहीं होंगे। इसके बाद से ही कांग्रेस का सड़क से लेकर सदन तक ओबीसी आरक्षण को लेकर हंगामा जारी है क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला: बीते दिनों 17 दिसंबर 2021 को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को जमकर फटकार लगाते हुए पंचायत चुनाव पर स्टे लगा दिया था। वही मप्र राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया था कि OBC आरक्षण आधार पर पंचायत चुनाव नहीं कराए जाएं। अगर चुनाव संविधान के हिसाब से हैं तो चुनाव कंटिन्यू रखें और संविधान के खिलाफ है तो चुनाव रद्द करें यह निर्णय राज्य निर्वाचन आयोग स्वयं ले। निर्देश को न मानने पर पंचायत चुनाव रद्द भी किए जा सकते हैं। अब अगली सुनवाई 27 जनवरी 2022 में होगी।
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