भौतिक सत्यापन में खाद खरीदने वालों के मोबाइल नम्बर भोपाल, इंदौर, बांसवाड़ा के निकले खाद की कालाबाजारी का ऱतलाम जिले में एक बड़ा मामला सामने आया है। यह मामला कलेक्टर द्वारा गठित जांच कमेटी की जांच में उजागर हुआ है।सहकारी समितियों से ऐसे लोगो को बड़ी मात्रा में खाद दे दिया गया जिनके नाम जमीन ही नही है। अब प्रसाशन पूरी जांच के बाद ऐसी समितियों ओर ज्यादा खाद खरीदने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करते हुए एफ आई आर दर्ज करवा रहा है रतलाम जिले में सहकारी सोसायटीयों और खाद डीलरो के खाद की कालाबाजारी का बड़ा मामला सामने आया है। अधिक मात्रा में खाद खरीदने वाले जिले के किसानों के भौतिक सत्यापन के दौरान नामली और लुनेरा सहकारी सोसायटीयों में बड़ी गड़बड़ी सामने आई। सोसायटीओं द्वारा ऐसे किसानों को भी 50-50 बोरी यूरिया खाद जारी कर दिया गया जिनके पास खेती करने के लिए जमीन ही नहीं है । कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने खाद की कालाबाजारी को रोकने के लिए खाद खरीदने वाले किसानों के भौतिक सत्यापन करने के लिए टीम का गठन किया था। खाद वितरण के लिए प्रदेश पोर्टल से रतलाम जिले के टॉप यूरिया बायर 261 किसानों की सूची मिली थी। जिसके भौतिक सत्यापन में यह गड़बड़ी सामने आई है खाद वितरण के प्रदेश स्तरीय पोर्टल से रतलाम जिले में खाद खरीदने वाले टॉप 20 किसानों की सूची में शामिल रहे 261 किसानों के भौतिक सत्यापन के दौरान नामली सोसाइटी में कृषक लक्ष्मण को 10 बोरी यूरिया खरीदने की पात्रता से अधिक 110 बोरी यूरिया खाद जारी कर दिया गया। वहीं, शांतिलाल और मनोहर सिंह नाम के किसानों को 50-50 बोरी यूरिया जारी किया गया। जबकि इन किसानों के पास खेती करने के लिए जमीन ही नहीं है। लुनेरा सहकारी सोसाइटी में भौतिक सत्यापन के दौरान बगदीराम नाम के किसान को 50 बोरी यूरिया जारी किया गया है जबकि उसके नाम पर कोई कृषि जमीन ही नहीं है। बाजना में भी खाद के निजी डीलर द्वारा मध्य प्रदेश के किसानों के लिए आवंटित किया गया था आज राजस्थान में बेचने का मामला सामने आने के बाद श्री सिद्धि गिरिराज ट्रेडर्स के संचालक अर्पण चोरडिया पर प्रकरण दर्ज करवाया गया है । ऐसे ओर किसानों और अन्य सोसायटीयों की भी जांच की जा रही है जिले में खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए कलेक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद अधिक मात्रा में खाद खरीदने वाले किसानों और निजी ट्रेडर्स का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। जिसमें खाद की कालाबाजारी को लेकर बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद संबंधित सहकारी समितियों के प्रबंधन पर कार्रवाई की जाएगी।ऱतलाम जिला कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि खाद विक्रय जो होती है उसका सत्यापन एक निरंतर प्रक्रिया है सरकार का निर्देश है कि टॉप ट्वेंटी बायर्स का भौतिक सत्यापन किया जाना चाहिए उसकी जानकारी पोर्टल पर अपलोड की जाना चाहिए सत्यापन के दौरान यह तथ्य सामने आया कि जहां आमतौर पर यूरिया की खपत कम होती है उन क्षेत्रों में यूरिया के बड़े बायर्स है। बाजना में ऐसे ही एक बड़े बायर्स के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज कराई गई है ।यह सत्यापन का मतलब यह नहीं है कि हर आदमी गलत है जिस व्यक्ति ने ज्यादा मात्रा में खाद लिया है तो उसे बताना होगा कि खाद का क्या उपयोग किया है क्या उसके पास इतनी जमीन थी जितनी मात्रा में खाद लिया है ।लेकिन जब 20 क्विंटल खाद ले रहा हूं और मेरे पास जमीन ही नहीं है तो यह गलत है ।यह जांच की प्रक्रिया निरंतर चलेगी भौतिक सत्यापन में जहां गलती पाई गई वहां पर समिति प्रबंधक हो या सामान्य आदमी सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और पुलिस कार्रवाई भी होगी।
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