शीतला माता महिला मण्डल के तत्वाधान में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन मालवा के संत महिदपुर के महुखोरा आश्रम लासुडीया मंसूर से पधारे भागवताचार्य पण्डित दीपक जी उपाध्याय के मुखारविंद से किया जा रहा है जिसके तहत मंगलवार को पोथी का विधिवत पूजन कर कथा प्रारंभ की गई जहा कथा का प्रारंभ करते हुवे श्री उपाध्याय ने बताया कि एक बार राजा परीक्षित ने सुखदेव जी महाराज से पूछा कि पित्र दुःखी एवं कुपित क्यों हो जाते है पितरों के नाराज होने का कारण क्या है इस पर सुखदेव जी महाराज ने इसके 4 कारण बताए जिसमें पहला कारण बताते हुवे कहा कि जो व्यक्ति शराब एवं मांस का सेवन करता है उसके पित्र दुःखी रहकर कुपित हो जाते है और प्रकोप करते है दूसरा कारण बताते हुवे कहा कि जो मनुष्य पापियों का संग करता है उसके भी पित्र कुपित रहते है अतः प्राणी को कुसंगति नहीं करना चाहिए पंगत एवं संगत का विशेष ध्यान रखना चाहिए वहीं तीसरा कारण बताते हुए सुखदेव जी महाराज ने कहा कि जो प्राणी भजन कीर्तन एवं सत्संग से विमुख रहते हैं भजन आनंदी नहीं है ऐसे प्राणी को उनके पित्र कुपित होकर श्राप देते हैं जिससे प्राणी को उसके कुल में पानी पिलाने वाला कोई नहीं रहता है वही चौथा कारण बताते हुए सुखदेव जी महाराज ने कहा कि जो प्राणी भाई भाई से बेर रखता है व कई पीढ़ियों तक पितृदोष से ग्रसित रहता है और उसके जीवन में एक दिन ऐसा आता है कि उसके बच्चे पत्नी के साथ पूरा संसार ही उसका बेरी बन जाता है और परमात्मा भी उसे विमुख हो जाते हैं अतः प्राणी मात्र को इन चार कारणों पर विशेष ध्यान देना चाहिए जिससे मनुष्य के पित्र प्रसन्ना रहे और उनको आशीर्वाद प्रदान करें
कथा में कृष्ण जन्मोत्सव का प्रसंग का भी चित्रण किया गया जिसमें कहा गया कि जब जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है और अधर्म का बोलबाला होता है तब भक्तों की पुकार सुनकर भगवान अवतार लेते हैं और दुष्टो को दण्ड देते है कृष्णावतार की कथाओं का वर्णन किया गया जहा वासुदेव जी द्वारा टोकरे में बालक रूपी भगवान कृष्ण को लाया गया जिनका श्रद्धालुओ द्वारा पूजन किया गया कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया
0 Comments