मंदसौर कलेक्टर गौतम सिंह ने भारत सरकार की महत्वाकांक्षी जनहितकारी सुकन्या समृद्धि खाता योजना में सभी आम जनमानस, प्रबुद्ध नागरिकों, स्वयं सेवी संस्थाओं, जन-प्रतिनिधियों, बेटियों के अभिभावकों, इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया से सहभागिता एवं सहयोग करने की अपील करते हुए कहा है कि, बेटी है जहां खुशियां है वहां सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाएं घर-घर में खुशहाली लाएं की अवधारणा के साथ भारत सरकार द्वारा बेटी बचाओ एवं बेटी पढ़ाओ के तहत बालिकाओं की उच्च शिक्षा तथा विवाह हेतु व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए यह योजना शुरू की गई है कलेक्टर श्री गौतम सिंह ने योजना की जानकारी देते हुए बताया है कि इस योजना के अन्तर्गत जन्म से लेकर 10 वर्ष की आयु तक की बेटियों का खाता खुलवाया जा सकता है, जमाकर्ता बेटी के नाम से एक ही खाता खोल सकता है। यदि माता-पिता या संरक्षक दो बेटियों के अलग-अलग एक खाता खोल सकते हैं, यदि जुड़वा बेटियां है तो जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर तीसरा खाता भी खोला जा सकता है, यह खाता एक वित्तीय वर्ष में 250 रूपये से शुरू किया जा सकता है। बच्ची की उम्र 18 वर्ष पूर्ण होने पर सुकन्या समृद्वि खाता में जमा राशि का 50 प्रतिशत राशि निकाला जा सकता है। बेटी की उम्र 21 वर्ष पूर्ण होने पर खाता परिपक्व होगा, बालिका का विवाह 18 वर्ष के बाद या 21 वर्ष के पहले होता है तो खाता बंद कर दिया जाएगा और ब्याज सहित समस्त रकम दे दी जाएगी इसी प्रकार इस महत्वाकांक्षी योजना से आयकर में छूट का लाभ भी मिलता है और देश के किसी भी हिस्से में स्थानातांरित किया जा सकता है। खाता खोलने के लिए जरूरी दस्तावेज, जन्म प्रमाण पत्र, माता-पिता का फोटो पहचान पत्र, एड्रेस प्रूफ और माता-पिता की फोटो आवश्यक है। खाते मे न्यूनतम 250 रूपये अधिकतम 01 लाख 50 हजार रूपये वार्षिक जमा किया जा सकता है। इस खाते की अवधि कुल 21 वर्ष है। कलेक्टर ने संपूर्ण जिले की पात्र बालिकाओं के अभिभावकों से नजदीकी डाकघर में अपनी बेटियों के सुकन्या खाते खुलवाने की अपील करते हुए कहा है कि, अधिक जानकारी के लिए मंदसौर प्रधान डाकघर, घंटाघर सिटी पोस्ट आफिस, नई आबादी डाकघर सहित जिले के किसी भी डाकघर के पोस्ट मास्टर से इस संबंध में जानकारी प्राप्त की जा सकती है कलेक्टर श्री गौतम सिंह ने सभी से इस महत्वाकांक्षी योजना में सहयोग एवं सहभागिता करने की अपील की है जिससे हर बेटी अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकें और आत्मनिर्भर हो सकें।
0 Comments