शाजापुर। अकील मोहम्मद मोहन बड़ोदिया शाजापुर जिले की मोहन बड़ोदिया जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत सारसी इन दिनों में भ्रष्टाचार के चलते सुर्खियां बटोर रहे, अरे माफ कीजिए इन दिनों नहीं यहां पंचायत तो हर समय ही भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियां बटोर ती है।चाहे स्वच्छ अभियान हो या फिर मनरेगा में यहां चाहे कोई भी कार्य हो सभी में सरपंच सचिव और रोजगार सहायक मिलीभगत जमकर भ्रष्टाचार करते हैं।भ्रष्टाचार की भनक सभी उच्च अधिकारियों को है लेकिन कोई भी इन इन भ्रष्ट कर्मचारियों पर लगाम कसने की नहीं सोचता हर कोई चाहता है कि थोड़ी सी सेवा पानी हो जाए और बाकी जहां लोग जो कर रहे हैं करते रहें। ग्रामीण भी कई दफा इनकी शिकायत करते हैं।लेकिन बाद में यहां लोग उन्हें डरा धमका कर खामोश कर देते हैं, इसलिए कई दफा शिकायत होने के बाद भी जिला पंचायत की टीम ने इन पर कोई कार्रवाई नहीं की। अब देखना यहां है कि ग्राम पंचायत सारसी पंचायत के ग्राम मटेवा में मनरेगा के तहत स्वीकृत हुई तलाई में मजदूरों की बजाए जेसीबी से कार्य हो रहा था।यह गरीबों के पेट पर लात मारने वाला काम है। दो साल से कोरोना वायरस की माहमारी से मजदूर वर्ग परेशान हैं। और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहते हैं हमने मनरेगा के तहत लाखों मजदूरों को रोजगार दिया है। दरअसल यह वही रोजगार है जो मनरेगा के रजिस्टर पर दर्ज होता है।लेकिन वास्तव में रोजगार गारंटी योजना को जमीन पर मशीन और मस्टर रोल पर अपने परिचितों के नाम होता है और पैसे डलने के बाद पैसा वापस ले लेते हैं।।
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