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करोड़ो की बेशकीमती सरकारी जमीन पर अवैध कॉलोनी काटने के मामले में कार्यवाही ठंडे बस्तों में सिंगोली कस्बे के तत्कालीन राजस्व अमले की मिलीभगत से कालोनाइजर ने शासकीय भूमि को किया खुर्द बुर्द जांच प्रतिवेदन में दोषी पटवारी को केवल निलंबित कर मामला रफा दफा किया करोड़ो की शासकीय भूमि की हेरा फेरी करने वाले भूमाफियाओं पर कोई कार्यवाही नहीं

नीमच। जिला मुख्यालय अंतर्गत आने वाले सिंगोली तहसील में बेशकीमती शासकीय जमीन को खुर्द बुर्द कर अवैध कॉलोनी काटने के मामले में सैकड़ों शिकायतों के बाद भी दोषियों पर कठोर कार्यवाही नही होना कहि ना कहि प्रशासन की अनभिज्ञता का प्रमाण हैं। जबकि शासकीय भूमि में करोड़ों के घोटाले की शिकायत उच्च अधिकारियों सहित प्रदेश के मुख्यमंत्री तक भी पहुंच चुकी हैं। दरहसल बीते दिनों कलेक्टर की जनसुनवाई में शासकीय भूमि घोटाले की एक शिकायत सिंगोली निवासी दीपक कुमार पिता बलराम तिवारी ने की थी। जिसमें बताया था कि सिंगोली के सर्वे क्रमांक 70 में शनि मंदिर के पीछे वाली जमीन पर कॉलोनाइजर द्वारा कई भूखंडों का 1000 रुपए वर्गफीट के मान से विक्रय किया गया। इसमें शासकीय भूमि पर कई लोगों को कब्जे दिए जाकर कूटरचित दस्तावेज बनाये जा रहे हैं। उक्त कार्य कॉलोनाइजर गुणमाला जैन, बापूलाल जैन, नवीन तिवारी, अनिल तिवारी एवं दीपक पारूडिया, खुमानसिंह सभी निवासी सिंगोली ने राजस्व अमले की मिलीभगत से निजी खाते में रकबा बढ़ा लिया है। दीपक ने तो अपने नाम फर्जी खाता कायम करवा लिया है। वहीं कस्बा सिंगोली में कुल रकबा 0.251 हेक्टेयर अर्थात 25 हजार वर्गफीट से अधिक फर्जी खाता राजस्व रिकॉर्ड से अपने नाम अंकित कराया। बदले में मोटी रकम का लेन-देन भी हुआ। इसी प्रकार तत्कालीन कस्बा पटवारी सुरेंद्र सिंह चूंडावत एवं नायब तहसीलदार देवेन्द्र कच्छावा से मिलकर गुणमाला जैन द्वारा फर्जी कॉलोनी काटी गई। जो शासकीय भूमि पर कॉलोनी होकर अवैध हैं।  इन भूमाफियाओं द्वारा राजस्व अमले के साथ सांठगांठ कर नियम के विपरीत शासकीय भूमि पर कब्जे दिए जाकर शासन को चुना लगाया गया। और बेशकीमती शासकीय भूमि को खुर्द बुर्द कर दिया। यहाँ तक खरीददारों को पीएम आवास योजना के अंतर्गत ऋण दिलवाकर मकान भी बनवा दिए हैं। इसकी शिकायत जब कलेक्टर तक पहुँची तो जांच के आदेश सिंगोली तहसीलदार को दिए जिसपर जांच में दोषी पाए पटवारी सुरेंद्र सिंह चूंडावत को केवल निलंबित किया गया। परन्तु आगे और कोई कार्यवाही देखने को नही मिली। जबकि करोड़ो की शासकीय भूमि घोटाले में पूरे तत्कालीन राजस्व अमले की भी संलिप्तता थी। वही सिंगोली तहसील के भूमाफिया अवैध कॉलोनी काटने वाले कॉलोनाइजर दीपक पारुडिया पर अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई। आपको बताते चले कि शिकायतकर्ता दीपक तिवारी द्वारा कूटरचित दस्तावेज भी पेश किए गए जिसमें शासकीय भूमि को क्रय विक्रय कर अधिक लाभ कमाया गया। कालोनाइजर दीपक पारुडिया द्वारा शासकीय भूमि पर भूखंडों को काट कर संध्या देवी छिपा, जितेंद्र सिंह राजपूत, विजय छिपा को विक्रय किये गए। और कूटरचित दस्तावेज से उनके नाम रजिस्ट्री करवाकर कब्जा भी सौपा गया। उक्त शासकीय भूमि घोटाले की शिकायत पर सिंगोली तहसीलदार द्वारा जांच प्रतिवेदन भी कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया गया हैं। परंतु अभी तक कोई कठोर कार्यवाही नही हुई हैं। वही इस मामले में जब नीमच जिला कलेक्टर हिमांशु चंद्रा से चर्चा करनी चाही तो उनके द्वारा फोन रिसीव नही किया गया।

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