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मध्य प्रदेश में 12 जून से एंट्री करेगा मानसून, भोपाल-इंदोर समेत 6 संभागों में बारिश का अलर्ट

भोपाल। दक्षिण-पश्चिम मानसून लगातार आगे बढ़ रहा है। उधर अलग-अलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणालियों के असर से हवाओं के साथ नमी भी आ रही है, जिसके चलते प्रदेश के अधिकतर शहरों में मानसून पूर्व की रुक-रुककर वर्षा होने लगी है। बुधवार को कई जिलों में बौछारें पड़ी हैं। कहीं-कहीं तेज रफ्तार (25 से लेकर 60 किलोमीटर प्रति घंटा) से हवाएं भी चल रही हैं। इससे उत्तरी मध्य प्रदेश को छोड़कर शेष क्षेत्रों में अधिकतम तापमान में काफी गिरावट होने लगी है। हालांकि उमस बढ़ गई है बुधवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक भोपाल में 0.5 एवं मलाजखंड में 0.8 मिलीमीटर वर्षा हुई। प्रदेश में सबसे अधिक 45.7 डिग्री सेल्सियस तापमान निवााड़ी में दर्ज किया गया। रीवा में दिन का तापमान 45.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ मौसम विज्ञानियों के मुताबिक गुरुवार को भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, शहडोल, इंदौर, उज्जैन संभाग के जिलों में गरज-चमक के साथ वर्षा हो सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ ईरान के आसपास हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं दक्षिणी गुजरात पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बने हुए हैं 12 जून तक मानसून के प्रदेश में आने की संभावना मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि बंगाल की खाड़ी के साथ ही अरब सागर से भी लगातार ऊर्जा मिलने के कारण दक्षिण-पश्चिम मानसून लगातार आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में भी हवाओं के साथ नमी आने लगी है। इस वजह से अधिकतर शहरों में मानसून पूर्व की गतिविधियों में तेजी आने लगी हैं। दोपहर के बाद तेज रफ्तार से हवाएं चलने लगती हैं। बादल छाने के साथ ही गरज-चमक के साथ बौछारें भी पड़ रही हैं। गुरुवार को भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, शहडोल, इंदौर, उज्जैन संभाग के जिलों में गरज-चमक के साथ वर्षा होने के आसार हैं। हालांकि उत्तरी मध्य प्रदेश के ग्वालियर, निवाड़ी, रीवा, खजुराहो आदि में अभी तपिश बनी रह सकती है। अनुकूल परिस्थितियों को देखते हुए 12 जून तक मानसून के प्रदेश में आने की संभावना बन रही है

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