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आज जो भी श्रवण परम्परा दिख रही है वह सब देन आचार्य महाराज कि ही है मुनिश्री सुप्रभ सागर

सिंगोली:- आज का दिन दिगम्बर श्रमण जैन परम्परा का स्वर्णिम दिवस है क्योंकि 20 वीं सदी के पूर्वार्ध में एक गुरु की प्राप्ति हुई थी। यदि आगे चलने वाला सही दिशा की ओर चले तथा मजबूती के साथ कदम उठाए, तो पीछे चलने वाले निशंक और निश्चिन्त होकर चल सकते हैं। आचार्य श्री शान्ति सागर जी महामुनिराज ने आचार्य पद को स्वीकार कर उसे गौरवान्वित किया। आज जो भी श्रमण परम्परा दिख रही है, वह सब देन आचार्य महाराज की ही है। यह बात नगर में चातुर्मास हेतु विराजमान मुनिश्री सुप्रभ सागर जी महाराज ने 25 अक्टूबर बुधवार को प्रातः काल धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आचर्य महाराज ने मजबूती से कदम बढ़ाए, उनके पदचिह्नों पर हम चल रहे है। आचार्य महाराज ने पद का गौरव गरिमा और पूज्यता उसके अनुरूप आचरण करके बढाई। आचार्य महाराज का व्यक्तित्व सागर के समान विशाल है, उसे शब्दों में कहना सागर को गागर में भरना है। आचार्य महाराज ने पूरे भारत में बिहार कर उसे पवित्र किया और दिगम्बर श्रमणों का विहार, निर्बाध करवाया। श्रमणो के चारित्र के अतिचारों को दूर कर उसे निर्दोष किया। आज आचार्य पद शताब्दी वर्ष का प्रारंभ हो रहा है, यह हमें आचार्य महाराज की यशोगाथा को घर-घर, मन-मन में बसाने का अवसर प्राप्त हुआ, जिसका लाभ हम सब उठाये वही कार्यक्रम में सर्व प्रथम  मंगलाचरण दिप प्रजलन व मुनिश्री को शात्र दान बोराव रावतभाटा भैंसरोड़गढ़ समाजजनों को सौभाग्य मिला व उसके बाद चारित्र चक्रवर्ती प्रथमाचार्य श्री शान्तिसागर जी महाराज कि संगीतमय पुजन व सभी आचार्यों को अर्ध चढ़ाया गया वही उसके बाद आचार्य श्री के जीवन पर अलग अलग वक्ताओं द्वारा परिचर्चा प्रारम्भ हुई व उसके बाद मुनिश्री के मंगल प्रवचन हुए वही 26 अक्टूबर को प्रातः काल 8 बजे मंगलाचरण,चित्र अनावरण, दिप प्रजलन, प्रातः 8:10 बजे परम पूज्य मुनिश्री 108 दर्शित सागर जी महाराज के 8 वे दीक्षा दिवस पर परम पूज्य वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज की संगीतमय महापुजन 8:45 बजे मुनिश्री के पाद प्रक्षालन,अर्घ समर्पण एवं शास्त्र दान 9:15 बजे परिचर्चा प्रारम्भ  एवं मुनिश्री के मंगल प्रवचन व सायं काल 6:15 बजे आचार्य वन्दना, संगीतमय महाआरती रात्रि 8:30 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे वही आज के इस कार्यक्रम मे बाहर से पधारें हुए महानुभावों का समाजजनों द्वारा तिलक माला व पगड़ी पहनाकर स्वागत किया इस अवसर पर रावतभाटा भैंसरोड़गढ़ बिजोलिया बोराव श्रीपुरा धनगाव थडोद झांतला आदी नगरों के समाजजन उपस्थित थे

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