मंदसौर में पशुपतिनाथ की सावन में सातवीं सवारी निकाली जा रही थी इस दौरान झांकियां और करतब वाले भी पालकी के साथ चल रहे थे,इस दौरान एक युवक ज्वलनशील पदार्थ मे डूबी लकड़ी पर फूक मारकर मुंह से आग निकालने का करतब दिखा रहा था,,अचानक हवा का प्रभाव रहा या कोई चूक मुंह से आग निकालने के दौरान युवक का मुह झुलस गया,,जिसे अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया गया,,इस दौरान कुछ देर के लिए सवारी मार्ग पर अफरा-तफरी मच गई वही उज्जैन में बाबामहाकाल की सवारी कि बात की जाए तो सबसे बड़ी समस्या कड़ा बिन वाले बनते जा रहे हैं,,पहले इक्का-दुक्का सवारी में शामिल होते थे अब आधा दर्जन लोग कड़ा बिन लेकर चलते हैं और गलती यह कर रहे हैं कि जब रामघाट पर पालकी पूजन के बाद सवारी निकलती है तो कार्तिक चौक और इसके आसपास के इलाके काफी सकड़े मार्ग है और भारी तादाद में श्रद्धालु रोड पर खड़े रहते हैं,,इस दौरान यह लगातार कड़ाबीन से धमाके करते हैं,,ऐसी स्थिति में सवारी में चल रहे लोग और सड़क पर खड़े श्रद्धालुओं के पास इंच भर भी जगह नहीं होती कि वह धमाके के दौरान कहीं खसक जाए,,ऐसे में भगद़ड़़ या एक दूसरे पर गिरने की घटना घटित हो सकती है प्रशासन को चाहिए कि कड़ाबिन वालों के लिए भी सख्त निर्देश जारी किया जाए की चौराहे चौराहे जहां पर पर्याप्त खुलापन हो वहां पर ही धमाकेदार प्रदर्शन किया जाए,,,
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