स्मैक तस्करी में लंबे समय से फरार कासम अजमेरी निवासी बोरखेड़ी जिला मंदसौर को राजस्थान की उदयपुर पुलिस ने पकड़ा। वह लंबे समय से राजस्थान में पहचान बदलकर रह रहा था। उसे अब जावरा पुलिस को सौंपा जाएगा। कासम मंदसौर से 2013 में विधानसभा चुनाव लड़ चुकीं व जिपं उपाध्यक्ष रहीं आशिया बी का पति है प्रतापगढ़ पुलिस की निशानदेही पर गिरफ्तार हुए कासम के भाई सलीम पर भी पुलिस रिकाॅर्ड में कई केस दर्ज हैं। कार्रवाई के बाद राजस्थान पुलिस ने मध्यप्रदेश पुलिस से जानकारी साझा की प्रतापगढ़ एसपी अमितकुमार ने बताया ऑपरेशन वज्र के तहत 151 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इसमें कई हिस्ट्रीशीटर, पुलिस के वांटेड और भूमाफिया थे। कार्रवाई में मंदसौर जिले के बोरखेड़ी में रहने वाले सलीम पिता नूर मोहम्मद को भी नाकोड़ा नगर स्थित एक मकान से 18 लाख रुपए के साथ गिरफ्तार किया था। टीम ने सलीम की निशानदेही पर उसके भाई कासम पिता नूर मोहम्मद को उदयपुर पुलिस की मदद से गिरफ्तार करवाया।कासम एमपी के रतलाम जिले के जावरा थाने का वांटेड था, वह 512 ग्राम स्मैक परिवहन के मामले में फरार था। जावरा पुलिस मामले में पहले दो आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी थी लेकिन लंबे समय से कासम फरार था। एसपी ने बताया कसम पहचान बदलकर राजस्थान के उदयपुर में रहने लगा था। उसको अब जावरा पुलिस को सौंपा जाएगा कांग्रेस की बागी आशिया 2013 का विस चुनाव लड़ी और हारी बोरखेड़ी के रहने वाले कासम की पत्नी आयशा बी 2010 में जिला पंचायत का चुनाव लड़कर उपाध्यक्ष बनी थी। 2013 में कांग्रेस से बगावत कर मंदसौर से निर्दलीय विधानसभा चुनाव भी लड़ा और 17 हजार वोट लाई। मतों के बंटवारे से कांग्रेस अधिकृत प्रत्याशी महेंद्र गुर्जर की हार हुई थी, चुनाव में बीजेपी के यशपालसिंह सिसौदिया 24 हजार से अधिक मतों से जीते थे। इसके बाद 2015 में फिर से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा लेकिन आशिया बी हार गई पत्नी को राजनीति में ला कासम सफेदपोश बनना चाहता था प्रतापगढ़ पुलिस के अनुसार कासम पत्नी को चुनाव में खड़ा कर सफेदपोश बनने की कोशिश करता था। कासम और उसके भाई सलीम दोनों ही के खिलाफ कई अपराधिक मामले दर्ज हैं। कासम की गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस उसके भूमाफिया भाई सलीम के पास से मिले 18 लाख रुपए के मामले में भी अनुसंधान कर रही है।
0 Comments