इंदौर शहर की साईंबाबा नगर कॉलोनी में लंबे अरसे से सक्रिय बिल्डर अमरनाथ पांडे के आगे बीआई, लोकेश शर्मा और बीओ अश्विन जनवदे इस कदर बेबस है,कि नोटिस के आगे कार्रवाई करने में भवन अनुज्ञा शाखा के इन दोनों ही अफसरों के हाथ पांव फूल रहे हैं कारण जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे, वैसे तो कई कारण सामने आ रहे हैं लेकिन इसमें दो कारण मुख्य हैं...पहला राजनीतिक दबाव और दूसरा बिल्डर अमरनाथ पांडे के फोन उठाने का इंतजार आपको बता दें कि एक शिकायत के आधार पर बीआई शर्मा ने साईंबाबा नगर में कमर्शियल घरेलू निर्माण कर रहे बिल्डर अमरनाथ पांडे को करीब 2 माह पहले बगैर अनुमति,और नक्शा पास कराए बगैर" भवन निर्माण करने के दौरान लापरवाही और नियम विरुद्ध कार्य को लेकर नोटिस दिया था उसके बाद मामला आगे ही नहीं बड़ा और इसमें सत्ताधारी राजनीतिक दल के नेताओं के शामिल होने के बाद तो जैसे मामला कार्रवाई को लेकर अटकलों में ही अटकने लगा और कुछ समय बाद नोटिस के बाद ना तो कार्रवाई आगे बढ़ी और ना ही मामले पर कोई खास जवाब दोनों अधिकारियों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मीडिया को दिया,इधर बीआई लोकेश शर्मा का एक तर्क कि हम अमरनाथ पांडे के फोन उठाने का इंतजार कर रहे हैं अब सवाल ये उठता है कि क्या बिल्डर अमरनाथ पांडे के फोन उठाने के बाद ही कार्रवाई आगे बढ़ेगी" अगर ऐसा है तो बिल्डर अमरनाथ पांडे तो सालभर फोन नहीं उठाएगा तो क्या ये मान लिया जाए कि अब यह पूरी कार्रवाई बिल्डर अमरनाथ पांडे के फोन उठाने पर निर्भर है ये सवाल भी अब जोर पकड़ रहा है..! और अगर अमरनाथ पांडे जोकि गलत तरीके से मकानों का निर्माण कर रहा है, अगर वो फोन नहीं उठाएगा तो क्या नगर निगम के अधिकारी कार्रवाई नहीं करेंगे" वैसे यह पहली दफा नहीं जब झोन क्रमांक 14 के बीओ और बीआई ने किसी को नोटिस दिया हो और उसके बाद कार्रवाई आगे बढ़ी हो इससे पहले भी कई मामलों में नोटिस के नाम पर नौटंकी हो चुकी है' यह कहना भी गलत नहीं होगा कि अब नोटिस निगम अफसरों की कार्रवाई का जरिया नहीं बल्कि इनकम का सोर्स बन चुका है, जिसको देकर अधिकारी अपना काम कर बिल्डरों को नियम विरुद्ध काम करने की छूट देते हैं" फिलहाल इस मामले में भी कुछ इसी तरह के हालात नजर आ रहे हैं लेकिन राजनीतिक दबाव की बात सामने आने से अफसरों पर लग रहे आरोपो पर संदेह के बादल मंडरा रहे" क्योंकि हर मामला राजनीतिक नहीं होता और ना ही हर मामले में निगम की भवन अनुज्ञा शाखा के अधिकारी अपने पैर पीछे खींच लेते हैं, शनिवार को झोन क्रमांक 8 मैं हुई कार्रवाई इन्हीं में से एक है जिसकी शिकायत निगमायुक्त हर्षिका सिंह के समक्ष पहुंची थी जिसके बाद बीओ गजल खन्ना ने कार्रवाई करते हुए एक होटल को सील कर दिया था" हम एक जिम्मेदार मीडिया संस्थान होने के नाते झोन 14 के बीओ अश्विन जनवदे और बीआई लोकेश शर्मा से साईंबाबा नगर मे बिल्डर अमरनाथ पांडे द्वारा किए जा रहे हैं नियम विरुद्ध निर्माण कार्य के संबंध में निष्पक्ष कार्रवाई को लेकर झोन क्रमांक 8 में हुई कार्रवाई से सीख लेने की उम्मीद करते हैं..! आपको बता दें कि इन्दौर मेट्रो ने 11 अप्रैल 2023 के अंक में भी शीर्षक अवैध कालोनियों में भी नए-नए स्थानों पर आकर ले रहे कमर्शियल घरेलू निर्माण नोटिस देकर खानापूर्ति कर रहे निगम की बिल्डिंग परमिशन विभाग के झोनल कार्यालय पर पदस्थ बीओ और बीआई के साथ मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था..! जिसकी चर्चा भी निगम मुख्यालय में खूब हुई थी लेकिन अफसरों ने मामले को दूसरी दिशा में डायवर्ट कर दिया" जिससे पूरे मामले पर कार्रवाई होने की जगह कार्रवाई अंधर में अटक गई अब देखना यह होगा कि मामला तूल पकड़ने के बाद स्थानीय बीओ और बीआई क्या कार्रवाई करते हैं..? या फिर राजनीतिक दबाव के चलते अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लेते हैं अमरनाथ को अभयदान क्यों 11 अप्रैल 2023 को मामला प्रकाशित होने के बाद बिल्डर लॉबी में यह चर्चा भी खूब हो रही थी कि आखिर अमरनाथ को अभयदान क्यों दिया जा रहा है" बिल्डर लॉबी के जानकार इसे राजनीतिक दबाव और सांठगांठ के तौर पर भी देख रहे हैं..! खैर उनका यह सोचना भी लाजमी है क्योंकि दोनों ही एंगल से देखा जाए तो कार्रवाई रुकना ही कहीं ना कहीं किसी बात को सही होना दर्शाता है..! अब जब बात राजनीतिक तौर पर दबाव की हो ही रही है तो फिर इसमें राकेश जैन का नाम पीछे क्यों रहे जो उस वार्ड से बतौर पार्षद भी हैं और वर्तमान निगम परिषद में एमआईसी मेंबर भी जिनके वार्ड में वर्तमान में यह कारस्तानी चल रही है, और वे चुपचाप तमाशा देख रहे हैं राकेश के वार्ड में दूसरे राजनेताओं की राजनीति हावी वैसे तो ये बात वर्तमान निगम परिषद के एमआईसी मेंबर और मौजूदा वार्ड 85 से पार्षद राकेश जैन के अपने वार्ड से संबंधित मामला है जो अवैध और नियम विरुद्ध गलत तरीके उसी वार्ड की कॉलोनी साईंबाबा नगर का है" कायदे से यहां स्थानीय पार्षद का वर्चस्व होना चाहिए लेकिन, यहां पर इसी विधानसभा क्षेत्र के दूसरे क्षेत्रों से पार्षद हस्तक्षेप कर बिल्डर अमरनाथ पांडे पर हो रही कार्रवाई को रोकने का प्रयास कर रहे है..! ऐसे में राकेश जैन की राजनीतिक पृष्ठभूमि पर दूसरे नेताओं का हस्तक्षेप राकेश को राजनीतिक हास्ये पर होना भी दर्शाता है शिकायत की अनदेखी 28/11/2022 को उक्त प्लाट नंबर 87/ 88 साईंबाबा नगर स्थित कॉलोनी में कमर्शियल घरेलू उपयोग को लेकर हो रहे निर्माण के संबंध में शिकायत हुई थी जिसमें प्लांट पर बिल्डर अमरनाथ पांडे द्वारा संयुक्तीकरण कर बगैर अनुमति के मनमानी व मनमाफिक निर्माण कार्य किया जा रहा है, का उल्लेख था" ऐसा नहीं है कि इस पर भवन अनुज्ञा शाखा के बीआई लोकेश शर्मा और बीओ अश्विन जनवदे ने इसे रोकने के लिए शुरुआत नहीं की पहला कदम जरूर नोटिस देकर उठाया गया लेकिन उसके बाद कोई कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी और मामला 5 माह बीतने के बाद भी ठंडे बस्ते में चल रहा है..! हां यह बात जरूर है कि इसके बाद दोबारा नोटिस देकर बिल्डर पांडे को अवगत कराने की जहमत तक उठाना बीओ और बीआई ने उचित नहीं समझा और ना ही आगे कार्रवाई को लेकर कोई ठोस कदम उठाया, अब इस मामले को लेकर कोर्ट में एक याचिका दायर होने की बात सामने आ रही है" जो शिकायतकर्ता द्वारा लगाई जा रही है शिकायत पर कारवाही ना होने से कोर्ट जाने की तैयारी में शिकायतकर्ता संभवत यह पहला मामला हो सकता है, जिसमें शिकायतकर्ता अपनी शिकायत की सुनवाई ना होने और निगम अफसरों द्वारा कार्यवाही ना करने को लेकर कोर्ट की शरण में जा रहा है" शिकायतकर्ता कसेरा ने बताया कि मैं कोर्ट में उक्त शिकायत पर कार्यवाही ना करने के संबंध में बीओ और बीआई दोनों को पार्टी बनाऊंगा इसके साथ ही उक्त प्लाट नंबर 87/ 88 पर बन रहे कमर्शियल घरेलू निर्माण की खरीदी बिक्री पर रोक लगाने की मांग करूंगा " अगर कोर्ट इन सभी बिंदुओं पर शिकायतकर्ता की याचिका को मंजूर करते हुए फैसला होने तक उक्त प्लाट की खरीदी बिक्री पर रोक लगाता है तो ये बिल्डर अमरनाथ पांडे के लिए किसी सदमे से कम नहीं होगा " बताया जा रहा है कि उक्त प्लाट पर बन रहे कमर्शियल घरेलू निर्माण को लेकर बिल्डर पांडे ने 10X 50 एक घरेलू कमर्शियल निर्माण को 35 लाख रुपए की कीमत निर्धारित की है इस हिसाब से मौके पर 3 और ऐसे ही घरेलू कमर्शियल मकानों का निर्माण किया जा रहा है" जो कुल 1 करोड़ 40 लाख के आसपास का प्रोजेक्ट है..! शिकायतकर्ता कसेरा ने बताया कि उक्त प्लाट पर बिल्डर अमरनाथ पांडे द्वारा संयुक्तीकरण कर 2000 स्केयर फिट पर निर्माण कार्य किया जा रहा है सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत लगता है,शिकायतकर्ता प्रशांत ने बिल्डर अमरनाथ पांडे द्वारा 2 प्लांटों के संयुक्तीकरण कर किए जा रहे निर्माण कार्य के संबंध में मोर्चा खोलने की पूरी तरह से तैयारी कर ली है इसीलिए शिकायत पर भवन अनुज्ञा शाखा के बीओ अश्विन जनवदे और बीआई लोकेश शर्मा द्वारा कार्रवाई नहीं करने पर सीएम हेल्पलाइन पर भी सोमवार को शिकायत कर दी है, जिसका शिकायत क्रमांक 21828740 है" मामले पर प्रशांत का कहना है कि भवन अनुज्ञा शाखा के अधिकारी राजनीतिक दबाव के चलते कार्रवाई करने में असमर्थ नजर आ रहे हैं, लेकिन मैं निष्पक्ष कार्रवाई चाहता हूं" इसीलिए हर तरह से प्रयास कर रहा हूं... सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत के जरिए भी मैं अफसरों को एक बार पुनः अवगत कराने का प्रयास कर रहा हूं, सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत के बाद भी अगर कार्रवाई नहीं होती है तो मैं जल्द कोर्ट में मामले को लेकर याचिका भी दायर करूंगा
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