सिंगोली :-जब-जब भी धरती पर आसुरी शक्ति हावी हुईं, परमात्मा ने धर्म की रक्षा के लिए अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना की। मथुरा में राजा कंस के अत्याचारों से व्यथित होकर धरती की करुण पुकार सुनकर नारायण ने कृष्ण रुप में देवकी के अष्टम पुत्र के रूप में जन्म लिया और धर्म और प्रजा की रक्षा कर कंस का अंत किया। यह उपदेश मेंढकी महादेव के तपोनिष्ट संत नन्दकिशोर दास ने बोले वे सिंगोली नीमच मुख्य सड़क मार्ग स्थित कछाला नारायण गौ शाला में सात दिवसीय आयोजित श्री मद भागवत कथा के चौथे दिवस पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को सम्बोधित कर रहे थे । कथावाचक श्रीदास ने बताया कि जीवन में भागवत कथा सुनने का सौभाग्य मिलना बड़ा दुर्लभ है। जब भी हमें यह सुअवसर मिले, इसका सदुपयोग करना चाहिए। कथा सुनते हुए उसी के अनुसार कार्य करें। कथा का सुनन तभी सार्थक होगा। जब उसके बताए हुए मार्ग पर चलकर परमार्थ का काम करें उन्होंने रामकथा का संक्षिप्त में वर्णन करते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने धरती को राक्षसों से मुक्त करने के लिए अवतार धारण किया। कथा में कृष्ण जन्म का वर्णन होने पर समूचा पांडाल खुशी से झूम उठा। मौजूद श्रद्धालु भगवान कृष्ण के जेजेकार के साथ झूमकर कृष्ण जन्म की खुशियां मनाई परमात्मा ही परम सत्य है कथा वाचक श्रीदास ने कहा कि परमात्मा ही परम सत्य है। जब हमारी वृत्ति परमात्मा में लगेगी तो संसार गायब हो जाएगा। प्रश्न यह है कि परमात्मा संसार में घुले-मिले हैं तो संसार का नाश होने पर भी परमात्मा का नाश क्यों नहीं होता इसका उत्तर यही है कि भगवान संसार से जुड़े भी हैं और अलग भी हैं। आकाश में बादल रहता है। और बादल के अंदर भी आकाश तत्व है। बादल के गायब होने पर भी आकाश गायब नहीं होता। इसी तरह संसार गायब होने पर भी परमात्मा गायब नहीं होते। संसार की कोई भी वस्तु भगवान से अलग नहीं है।
कथा वाचक श्रीदास ने कहा प्रभु हमें समझाना चाहते हैं कि सृष्टि का सार तत्व परमात्मा है। इसलिए असार यानी संसार के नश्वर भोग पदार्थों की प्राप्ति में अपने समय, साधन और सामर्थ को अपव्यय करने की जगह हमें अपने अंदर स्थित परमात्मा को प्राप्त करने का लक्ष्य रखना चाहिए। इसी से जीवन का कल्याण संभव है श्रीमद भागवत कथा के दौरान उपस्थित भामाशाहों ने नारायण गौ शाला के विकास के लिए खोला धन का पिटारा रविवार को श्रीमद भागवत कथा के दौरान महूपुरा मौलकी स्थित भगवान चारभुजा मन्दिर की तरफ से नारायण गौशाला निर्माण व गौमाता की सेवा के लिये 41,000 रुपये अक्षरे इकतालीस हजार, सप्रेम भेंट किये गए। वही सीमावर्ती राजस्थान से रामपुरिया के भंवरलाल धाकड़ की और से गौ माता की सेवा के लिए 11111 रुपये अक्षरे ग्यारह हजार एक सो ग्यारह रुपये भेंट किये गए नारायण गौशाला में कथा वाचक द्वारा बेहतरीन संगीतमय व मधुर भजनों की प्रस्तुति को लेकर नारायण गौशाला समिति द्वारा संत नन्दकिशोरदास महाराज को साफा साल भेंटकर आत्मीय स्वागत सत्कार किया गया रविवार को भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के दौरान पूरा कथा पंडाल को दुल्हन की तरह सजाया गया भगवान श्री के जन्म पर पूरा पंडाल जयकारों से गुंजयमान होगा हाथी घोड़ा पालकी , जय कन्हैयालाल की नन्द के घर आनन्द भय्यो यशोदा के लाल की जन्मोत्सव के दौरान खूब मिठाई चॉकलेट वही आकाश में गुब्बारे छोड़ श्रद्धालुओ ने खुशी मनाई कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु धर्म लाभ ले रहे है
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