नीमच जिले में भी धीरे धीरे डेंगू के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है नीमच जिला कलेक्टर महोदय के आदेशानुसार समस्त नगर निकायों एवं ग्राम पंचायतों में विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जा कर इस खतरनाक बीमारी से बचाव हेतु निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं जहां नगर निकाय एवं ग्राम पंचायतों के द्वारा फागिंग मशीन के धुएं सहित कीटनाशकों का प्रयोग एवं साफ सफाई कर बीमारी को फैलने से रोकने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है वही नालियों में जमा गंदगी एवं गड्ढों में गंदे पानी की निकासी का भरपूर प्रयास किया जा रहा है लेकिन ग्राम पंचायत जाट के कर्ताधर्ताओ की नजर में आम जनता के जीवन की कोई कीमत नहीं है गांव की अधिकांश गली मोहल्ले कीचड़ एवं गंदगी से भरे पड़े है। पिछले कई महीनों से नालियों का पानी रोड पर बह रहा है। क्षेत्र में अच्छी बरसात के बाद भी पेयजल की समस्या विकराल रूप ले चुकी है लेकिन पंचायत के कर्ताधर्ता इस और कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ग्राम जाट में भी कोरोना ने भारी तांडव मचाया था एवं कहीं जिंदगीयों को भी लील गया था लेकिन उसके बाद भी पंचायत की ऐसी लापरवाही देखकर तो ऐसा ही लग रहा है कि जान बूझकर ग्रामीणो को मरने के लिए भगवान भरोसे छोड़ दिया गया हैं। ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिव की हठधर्मिता एवं लापरवाही का आलम देखिए कि नगर के बीचो बीच बनाए गए सी.सी.रोड के बीच में आने वाले छोटी सी गली को केवल व्यक्तिगत वैमनस्यता के कारण छोड़ दिया गया है। जहां कीचड़ से लबालब पानी का डेबरा भरा हुआ है।जिस पर मच्छरों ने स्थाई डैरा डाल लिया है। गली के महिला पुरुष एवं बच्चों को अपने नाक पर कपड़ा रखकर पैरों को कीचड़ में सने बिना घर से बाहर नहीं निकला जा रहा हैं जिसकी लिखित व मोखिक शिकायत गली के रहवासियों ओमप्रकाश माहेश्वरी, कृष्णा देवी मंडोवरा, सुंदरलाल माहेश्वरी, मनोरमा देवी, कांता देवी, अजय, राज, मदनलाल, पूरण माली, आनंद आदि के द्वारा कैबिनेट मंत्री सकलेचा, जिला कलेक्टर महोदय नीमच, जनपद पंचायत सीईओ जावद, भाजपा मंडल अध्यक्ष रतनगढ, सहित सभी जिम्मेदारों को करने के बाद भी कीचड़ एवं गंदगी में जीवन यापन करने को मजबूर है। अगर किसी भी प्रकार की कोई अनहोनी घटना घटित होती है तो इसकी जिम्मेदारी आखिर कौन लेगा।
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