मंदसौर जिले की लगभग सभी तहसीलों में भू-माफिया के ऊपर की गई कार्रवाई लेकिन सीतामऊ तहसील में क्यों नहीं होती है भू माफियाओं पर कार्रवाई सूत्र बताते हैं कि भू माफिया के तार मध्यप्रदेश की राजधानी तक फैले हुए है सरकारी जमीन को भू माफियाओं से मुक्त कराने को लेकर पत्रकारों ने लिखा तहसीलदार कलेक्टर व मुख्यमंत्री को आवेदन लेकिन नहीं हुई भू माफियाओं पर कोई भी कारवाईसीतामऊ राजनीति रसूख के कारण भू माफियाओं की जमीन के आवेदन ठंडे बस्ते में धारा 248 में मुकदमा दर्ज होने के बाद नहीं हुई आगे की कोई भी कार्रवाई खसरा नम्बर मध्यप्रदेश शासन की भूमि का सीतामऊ मंदसौर रोड़ से लगी हुई करोड़ों की भूमि 140/1/140/2/1 मिन 140/2/1 मीन 2 140/2/1 मीन 3 140/2/2 140/2 मिन 140/3 140/4 140/5 मिन 1 सरकारी जमीन पर कब्जा, प्रशासन मौन सीतामऊ शहर में कुछ दिन पहले पत्रकारों अफजल शेख और पत्रकार अंबालाल मकवाना दोनों पत्रकारों के और से सीतामऊ तहसील में धारा 248 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया लेकिन प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई मार्च में लगाया था आवेदन लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई भी कार्रवाई नहीं की गई अभी तक दोनों पत्रकारों ने प्रशासन और जिला कलेक्टर को भी भू माफियाओं के खिलाफ आवेदन दे चुके हैं वर्तमान में भू माफियाओं द्वारा बेशकीमती जमीन मंदसौर रोड़ पर उत्कृष्ट सरस कुवर कन्या शाला शासकीय माध्यमिक विद्यालय स्कूल से लगी हुई है सरकारी जमीन पर तेजी के साथ अतिक्रमण हो रहा है। प्रशासन को इस अतिक्रमण की जानकारी है बावजूद इसके प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। इससे प्रशासन की कार्य प्रणाली संदेह के घेरे में है। मालूम हो कि इन दिनों शहर में जमीन का धंधा तेजी के साथ फल-फूल रहा है। शहर के आसपास निजी जमीन की कीमतें आसमान छूने से भू माफिया ने सरकारी जमीनों को निशाना बनाना शुरू कर दिया भू माफिया सरकारी जमीनों पर कब्जा कर उन्हें एग्रीमेंट के आधार पर भू माफिया उस जमीन को उचे दामों में लोगों को बेच रहे हैं इस कारोबार की जानकारी प्रशासन के पास है, लेकिन प्रशासन अतिक्रमणकारियों को खदेडऩे के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रहा क्यों नहीं हो रही कार्रवाई राजनीतिक रसूख रखने वालों ने कब्जा कर रखा है। ऐसे में राजनीतिक दबाव में प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है बाद में होती है परेशानी पहले प्रशासन अतिक्रमण पर ध्यान नहीं देता, लेकिन जब प्रशासन को सरकारी निर्माण के लिए जमीन की आवश्यकता पड़ती है, तो अतिक्रमणकारियों के बेदखल करने में प्रशासन को पसीना आ जाता है शहर के आसपास निजी जमीन की कीमतें छू रहीं आसमान ऐसे में भूमाफिया सरकारी जमीनों को बना रहे निशाना सरकारी जमीन पर भूमाफिया की निगाह लंबे समय से है ये लोग अपने रसूख का इस्तेमाल कर राज्य और केंद्र सरकार की करोड़ों की भूमि हड़पने का काम कर रहे हैं। शायद ही कोई सरकारी विभाग हो जिसकी जमीन पर अवैध कब्जा नहीं किया गया हो इस खेल में सफेद खद्दरधारी भी शामिल हैं इसलिए स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बन तमाशा देखने का काम कर रहा है।सरकार का माफियामुक्त प्रदेश अभियान अब ठंडे बस्ते में चला गया है शहर में भू-माफिया इस कदर हावी हो चुके हैं कि सरकारी जमीन के नाम पर कुछ नहीं बचा। कहने को जनपद पंचायत और तहसील वाले स्थानीय प्रशासन की टीम सख्ती करती है लेकिन वह एक या दो दिन से अधिक नहीं चल पाती। राजनीतिक संरक्षण प्राप्त प्रभावी और दबंग लोगों ने सरेआम सरकारी जमीनों पर कब्जे जमा रखे हैं लेकिन किसी का जोर उन पर नहीं चल पाता राजस्व अमले को नजर नहीं आता कस्बे का अतिक्रमण सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी प्रशासन ने ठंडे बस्ते में क्यो डाली भू माफियाओं की कार्रवाई सीतामऊ की क्या कारण हो सकता है इसके पीछे कहीं सवाल उठ रहे है
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