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शिव तांडव से बचाने त्रिवेणी संगम प्रयागराज में 16 से 18 फरवरी को जयगुरुदेव बाबा उमाकान्त जी के शिवरात्रि कार्यक्रम पर सर्वजन सादर आमंत्रित जो लोग तीन दिवसीय इस पर्व में आकर अंदर व बाहर की इस त्रिवेणी में स्नान कर लेंगे उनको विशेष लाभ का अनुभव होगा शिवजी को प्रसन्न और उनके अधीन देवताओं को खुश करने का मौक़ा


प्रयागराज (उ.प्र.) बाबा जी की बानी है, सतयुग की अगवानी है। विश्व बने धर्मात्मा, पापों का हो खात्मा। सन्त समागम संगम पर शिवरात्रि के अवसर पर शिव तांडव से बचाने त्रिवेणी संगम पर प्रयागराज में त्रियताप मिटाने, रूहानियत का खजाना लुटाने, दुःखहर्ता बाबा उमाकान्त जी महाराज पधार रहे हैं। समय परिस्तिथि अनुकूल रहने पर बाबा जी महाराज का सतसंग एवं नामदान कार्यक्रम परेड ग्राउंड सैक्टर 2, किला चौराहा के पास, प्रयागराज ( उ० प्र० ) पर 16, 17 फरवरी को नित्य प्रात: 5 बजे से ध्यान, भजन व संदेश एवं नित्य सायं 4 बजे से सतसंग व नामदान होगा। 18 फ़रवरी को प्रात: 5 बजे से भजन, ध्यान व समापन सन्देश होगा। समस्त धार्मिक लोगों को विनम्रता पूर्वक सूचना दी जा रही है कि शिवरात्रि के अवसर पर जीव कल्याण हेतु आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी बाबा उमाकान्त जी महाराज महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र-प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु व केरल के विभिन्न जिलों में सतसंग करते हुए प्रयागराज पधार रहे हैं अपने जीवों को तकलीफ में देख प्रभु सन्त को धरती पर भेजता है वर्तमान समय में खानपान व चरित्र की खराबी के कारण इंसान कुदरत के नियम के खिलाफ काम करता चला जा रहा है। जल, पृथ्वी, अग्नि, वायु, आकाश ये सभी देवता नाराज होकर सजा देना शुरू कर दिये है। खुश रहने पर यही जीवन दान देते हैं और जब नाराज हो जाते हैं तो विनाश करने लगते हैं। देवताओं की नाराजगी के कारण घर-घर में बीमारी, लड़ाई-झगड़ा, हिंसा- हत्या, धोखाधड़ी, लूटपाट दिखाई पड़ रहा है। धार्मिक किताबों में लिखा हुआ है कि जब प्रभु के जीवों को तकलीफ होती है तो वह किसी न किसी सन्त को इस धरती पर भेजते हैं जो लोगों के दुःख दूर करके बिगड़े कामों में सुधार लाते और सीधा सरल मार्ग बताकर भवसागर पार किया करते हैं।शिवजी को प्रसन्न और उनके अधीन देवताओं को खुश करने का मौक़ा बाबा उमाकान्त जी महाराज ने अपने साध समाज को आदेश दिया है कि तीन दिवसीय इस शिवरात्रि के कार्यक्रम में प्रयागराज जैसी तपस्वी भूमि पर आकर हमारे साथ साधना करें, शिवजी को प्रसन्न करें, उनके अधीन देवताओं को खुश करें, जिससे आने वाले विकराल समय से लोगों को बचाया जा सके। बाबाजी ने नए पुराने सतसंगी व जनता जनार्दन के लिए यह भी कहा है कि जो लोग तीन दिवसीय इस पर्व में आकर अंदर व बाहर की इस त्रिवेणी में स्नान कर लेंगे उनकी चौरासी कट जाएगी। अतः आप लोगों से प्रार्थना है कि बाब जी महाराज के उपरोक्त कार्यक्रम के अनुसार त्रिवेणी संगम पर परिवार सहित पधार कर साधना करिए आध्यात्मिक सतसंग सुनिये, नामदान लीजिए और सन्त, साधकों का दर्शन करके, जीवन सफल बनाइए जयगुरुदेव नाम प्रभु का ही है यकीन करो ! जयगुरुदेव नाम प्रभु का ही है। रोज सुबह-शाम एक घंटा जयगुरुदेव नाम की ध्वनि बोलने से फायदा दिखाई पड़ने लगेगा। कैसे बोलोगे :- जयगुरुदेव जयगुरुदेव जयगुरुदेव जय जयगुरुदेव

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