Header Ads Widget

खबरों एवं विज्ञापन के लिए संपर्क करे - हेमंत मेहरा...8319962512

गुराडिया विजय के निलंबित रोजगार सहायक ओझा ने ग्रामीणो को दिया लॉलीपॉप निलंबित रोजगार सहायक पर कागजों में कार्य दिखाकर लीपापोती करते हुए रुपए निकालने का आरोप क्या चिंदी चोरों को नहीं था प्रशासन के नियमों का खौफ


मंदसौर जिले में सीतामऊ जनपद के भ्रष्टाचार में सबसे ऊपर सुर्खियों में रही पंचायत, सीतामऊ तहसील के ग्राम पंचायत गुराडिया विजय का यहां आए दिन पंचायत कर्मियों द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है! जिसमे एक और फिनो बैंक का मामला चल रहा है तो दूसरी और निरस्त रोजगार सहायक द्वारा खेत तालाब (डबरी) निर्माण हेतु पैसे लेकर काम ना करना एवं मामले पर लीपापोती करने का मामला सामने आया है! जानकारी के लिए आपको बता दें कि ग्राम पंचायत गुराडिया विजय रोजगार सहायक घनश्याम ओझा को कूप  निर्माण, खेल मैदान, सीसी रोड एवं चेक डैम निर्माण में अनियमितता एवं भ्रष्टाचार में लिप्त होना तथा लाखों रुपए की राशि आहरण करने पर दोषी पाया गया था!वहीं प्रशासन द्वारा मामला संज्ञान में लेते हुए जिला सीईओ द्वारा कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभार से निलंबित किया गया था! ग्रामीण जनों द्वारा रोजगार सहायक पर आरोप लगाते हुए बताया कि निरस्त रोजगार सहायक को हमने खेत तालाब के नाम पर 20-20 हजार रुपए नगद राशि दी फिर भी खेत तालाब (डबरी) निर्माण की लिस्ट में नाम नहीं आया!और जिन लोगों का लिस्ट में नाम आया उनके फर्जी मिस्टरोल भरकर सहायक सचिव द्वारा हड़प लिए गए! वहीं ग्रामीण जनों द्वारा आरोप लगाया कि सचिव एवं निलंबित रोजगार सहायक ओझा की मिलीभगत से शासन की योजनाओं में भारी गड़बड़ी की हैं। बता दें कि मनरेगा के अंतर्गत गांव में किसानों के खेत में डबरी निर्माण और भूमि समतलीकरण कार्य कराया जाना था। जो सिर्फ कागजों पर ही दिख रहा है। खेतो में इसका नामो निशान नहीं दिख रहा है। वही निरस्त सहायक सचिव घनश्याम ओझा द्वारा कई लोगों से खेत तालाब डबरी निर्माण एवं प्रधानमंत्री आवास योजना तथा संबल योजना के नाम पर ग्रामीण लोगों के जॉब कार्ड मैं अपना खुद का नया अकाउंट खुलवा कर फर्जी अकाउंट नंबर डालते हुए गरीब असहाय लोगों के साथ लाखों रुपए की ठगी की गई! यही नहीं अनपढ़ ग्रामीण लोगों के पोस्ट ऑफिस के खातों में निलंबित रोजगार सहायक ओझा एवं उसके पोस्टमैन भाई पंकज ओझा दोनों भाइयों ने फर्जी जाल साजिश करते हुए कई लोगों के साथ धोखा किया तथा सुदूर सड़क योजना एवं खेत तालाब निर्माण के नाम पर फर्जी मिस्टरोल भरकर कई लोगों के पैसे हड़प लिए गए! यही नहीं गुराडिया विजय में स्थित श्मशान घाट की वॉल बाउंड्री निर्माण में घटिया निर्माण करते हुए लाखों रुपए के बिल लगाकर राशि हजम कर ली गई! बात इस साल की करें या पिछले साल की दोनों ही वर्ष में कई फर्जीवाड़ा किए गए हैं ग्रामीण बोले- पहले कई बार कर चुके हैं शिकायत, नहीं कराई गई जांच ग्रामीणों ने सचिव और निलंबित रोजगार सहायक के खिलाफ शिकायत संबंधित विभाग में की थी। इसके बाद भी अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इसके चलते गलत तरीके से कागजों पर कार्य दिखाकर राशि का आहरण करने के मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। कुछ हितग्राहियों ने बताया कि उनकी जमीन पर कब क्या क्या कार्य कराया गया, पता नहीं है। वहीं पैसे का बंदर बांट हो गया और खेतों में काम भी नहीं हुआ है जनपद सीईओ ने ग्रामीणों को जांच कराकर उचित कार्रवाई का दिया आश्वासन बिना कार्य कराए ही पैसे निकालने से हितग्राहियों में काफी नाराजगी है। ग्रामीणों ने राशि दिलवाने के लिए जनपद सीईओ गोवर्धन मालवीय एवं जिला सीईओ सत्यम कुमार एवं कलेक्टर मनोज पुष्प को ज्ञापन सौंपा है। मामले को कलेक्टर ने संज्ञान मैं लेते हुए जल्द जांच कराने की बात कही है। उन्होंने जांच में गड़बड़ी मिलने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा ग्रामीणों को दिलाया है। वहीं इस पूरे मामले में मंदसौर मुख्य कार्यपालन अधिकारी सत्यम कुमार ने जल्द ही पीओ व एसडीओ को भेज कर जांच कराने की बात कही है गांव के एक ही व्यक्ति के नाम दो बार कार्य कराने का भी आरोप यहीं नहीं एक ही व्यक्ति के एक ही साल में दो-दो कार्य करा दिए गए हैं। बता दें कि कार्यों की तकनीकी सहायक द्वारा भौतिक सत्यापन कार्य स्थल पर जाकर कार्य को देख कर किया जाता है। फिलहाल यहां ऐसा कुछ नहीं किया गया है। यहां के तकनीकी निलंबित रोजगार सहायक घनश्याम ओझा हैं जो सारे सत्यापन घर बैठे ही कर रहे हैं। इसके चलते लोगों को पता ही नहीं है और उनकी जमीन पर काम होना दिखाकर पैसा निकाल लिया गया है। अब सरपंच एवं सचिव को इसमें कोसने से कुछ हल भी नहीं निकलना है। क्योंकि सरकार ने तमाम अधिकारी और तकनीकी सहायक रखे हैं। वही लाेग भारी लापरवाही बरत रहे हैं। तो सरपंच ,सचिव एवं रोजगार सहायक को क्या कहा जा सकता है।

Post a Comment

0 Comments